वाराणसी जिला जेल के पूर्व अधीक्षक उमेश सिंह, जेलर और डिप्टी जेलर निलंबित
Varanasi News - फर्जी रिहाई आदेश पर वाराणसी जेल में निरुद्ध सुनील कुमार को रिहा करने के मामले में जेल अधीक्षक उमेश कुमार सिंह, जेलर राजेश कुमार और डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया को निलंबित कर दिया गया है। इन पर गंभीर...

वाराणसी/ लखनऊ, हिन्दुस्तान टीम। फर्जी रिहाई आदेश पर वाराणसी जेल में निरुद्ध कैदी को छोड़ने के मामले में प्रदेश सरकार ने तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। उनके साथ जेलर राजेश कुमार और तत्कालीन डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया को भी सस्पेंड किया गया है। उमेश सिंह को शिकायत मिलने पर कुछ दिन पूर्व सोनभद्र जेल में विशेष ड्यूटी के लिए भेज दिया गया था।
प्रमुख सचिव अनिल गर्ग ने बताया कि उमेश सिंह पर आरोप हैं कि उन्होंने जेल में निरुद्ध विचाराधीन कैदी हाथरस के कोठीबदार (सादाबाद) के सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी को फर्जी आदेश के आधार पर रिहा कर दिया। साथ ही उन पर अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण न रख पाने, अपने शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने के भी आरोप हैं। इस मामले में शासन ने वाराणसी परिक्षेत्र के डीआईजी को जांच सौंपी थी। जिसमें वह प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए थे। उन्हें पद से हटाते हुए सोनभद्र जेल से संबद्ध कर दिया गया था। अब निलंबिन की स्थिति में वह कारागार मुख्यालय लखनऊ से संबद्ध रहेंगे। वहीं जेलर राजेश कुमार वाराणसी जेल में तैनात थे। जबकि मीना कन्नौजिया नैनी जेल से संबद्ध थीं। सभी निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं।
बीते 29 मार्च को बंदी पर दर्ज हुआ था केस
फर्जी रिहाई आदेश पर वाराणसी जेल में निरुद्ध कैदी को छोड़ने के मामले में जेलर की जांच पर बीते 29 मार्च को लालपुर-पांडेयपुर थाने में केस दर्ज किया गया था। प्रकरण के अनुसार हाथरस के कोठीबदार (सादाबाद) निवासी विचाराधीन बंदी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी के खिलाफ 2023 में धोखाधड़ी, साइबर ठगी, आईटी एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। वाराणसी के साइबर ठगी के केस में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-1 वाराणसी की अभिरक्षा वारंट के साथ वह फरवरी 2024 को जिला कारागार में निरूद्ध हुआ था। अलीगढ़ जनपद में भी उसके खिलाफ धोखाधड़ी, साइबर ठगी में केस दर्ज था। इस संबंध में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-04, अलीगढ़ के नाम से बी वारंट जारी किया गया था। इसी कोर्ट के नाम से जारी रिहाई आदेश बीते 4 मार्च 2025 को जिला कारगार पर मिला। इस आदेश के अनुपालन में सुनील चौधरी को बीते सात मार्च को कारागार से रिहा कर दिया गया था। इस मामले में डीजी जेल के आदेश पर जांच के आदेश दिये गये थे। जांच में जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया भी दोषी मिलीं।
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