संभल सांसद जियाउर्रहमान ने कोर्ट में मान ली गलती, जुर्माना देने को भी तैयार; अब आगे क्या होगा?
बिना नक्शा पास कराए सपा सांसद जियाउर्रहमान के मकान निर्माण के मामले में सोमवार को एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा की कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। सांसद की ओर से पेश हुए वकील ने मकान को शमन प्रक्रिया के तहत वैध कराने के लिए एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा है। अगली सुनवाई 3 जून को निर्धारित की गई है।

यूपी की संभल सीट से सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क बिना नक्शा पास बने मकान के मामले में अब बैक फुट पर हैं। वह इस मामले में जुर्माना देने को तैयार हैं। इसके लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब तीन जून को होगी।
बता दें कि संभल के मोहल्ला दीपा सराय में बने इस मकान को लेकर सांसद के पिता ममलूकुर्रहमान बर्क ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पहले ही यह स्वीकार कर लिया था कि मकान बिना नक्शा पास कराए बनाया गया है। उन्होंने एसडीएम कोर्ट से जारी 19 अप्रैल के वारिसान प्रमाण पत्र के आधार पर नगर पालिका रिकॉर्ड में अपना नाम पूर्व सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क की जगह दर्ज कराने की भी मांग की है।
इसके साथ ही उन्होंने नक्शा पास कराने के लिए एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर विलंब शुल्क के साथ नक्शा पास कराने की मांग की थी। जबकि कोर्ट का कहना था कि नक्शा पास कराने के लिए पिता कैसे आवेदन कर सकते हैं जबकि उनके नाम पर अभी मकान है ही नहीं।
सोमवार को हुई सुनवाई, अब आगे क्या?
बिना नक्शा पास कराए सपा सांसद जियाउर्रहमान के मकान निर्माण के मामले में सोमवार को एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा की कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। सांसद की ओर से पेश हुए वकील ने मकान को शमन प्रक्रिया के तहत वैध कराने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। एसडीएम ने यह समय सीमा तय करते हुए अगली सुनवाई की अंतिम तारीख 3 जून निर्धारित कर दी है।
सांसद के वकील ने कोर्ट में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में कहा कि वे मकान के शमन मानचित्र को स्वीकृत कराकर शमन शुल्क अदा करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में शमन मानचित्र पत्रावली दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाना न्यायोचित होगा। एसडीएम से मांग की गई कि पत्रावली तैयार करने और शुल्क जमा करने हेतु 3 जून तक का समय दिया जाए। एसडीएम वंदना मिश्रा ने जानकारी दी कि विनियमित क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए निर्माण को लेकर पहली बार 5 दिसंबर को नोटिस जारी किया गया था।
इसके बाद सांसद पक्ष को जवाब देने के लिए कई अवसर दिए गए, लेकिन हर बार केवल समय की मांग की जाती रही। दिसंबर से अप्रैल 2024 के बीच दस से अधिक बार सुनवाई की तिथियां बढ़ाई गईं। साथ ही, इस दौरान 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। मामले की अंतिम सुनवाई के लिए पहले 14 मई की तारीख तय की गई थी, लेकिन उस दिन भी सांसद पक्ष ने समय मांगा। इसके बाद 26 मई को अंतिम सुनवाई की बात कही गई, परंतु एक बार फिर सांसद की ओर से समय मांगे जाने के चलते अब 3 जून की तारीख दी गई है।