निजी स्कूलों की मनमानी पर डीएम सख्त, 32 अधिकारियों की टीम करेगी जांच
Sambhal News - निजी स्कूलों की मनमानी खत्म करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने 32 अधिकारियों की टीम गठित की है। अब कोई स्कूल बिना समिति की स्वीकृति के फीस नहीं बढ़ा सकता। महंगी किताबें और ड्रेस के...

निजी स्कूलों की मनमानी अब नहीं चलेगी। फीस में मनमाने इजाफे, महंगी किताबों और हर साल बदली जाने वाली ड्रेस से त्रस्त अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने कमर कस ली है। डीएम ने 32 अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की है, जो जिले भर के स्कूलों का निरीक्षण करेगी। इस निरीक्षण के दायरे में हर वह स्कूल आएगा, जिसने फीस या किताबों को लेकर नियमों की अनदेखी की है। डीएम ने कहा कि अब कोई भी स्कूल बिना समिति की स्वीकृति के तीन महीने के भीतर फीस नहीं बढ़ा सकता। यदि बढ़ाई गई है, तो उस अतिरिक्त फीस को तत्काल अभिभावकों को वापस करना होगा। यही नहीं, एनसीईआरटी किताबों की जगह निजी प्रकाशनों की महंगी किताबें लगाने वाले स्कूलों को भी जवाब देना होगा। डीएम ने स्पष्ट किया है कि आगे से केवल एनसीईआरटी की किताबें ही मान्य होंगी। इस पूरे मामले को लेकर 17 अप्रैल को डीएम की अध्यक्षता में एक अहम बैठक होगी, जिसमें मनमानी करने वाले स्कूलों पर जुर्माने और मान्यता रद्द करने जैसे बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। जिमसें नियमों के उल्लंघन पर पहले नोटिस पर ₹1 लाख, दूसरे नोटिस पर ₹5 लाख और तीसरे पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू होगी। डीएम ने साफ तौर पर चेताया कि शिक्षा के नाम पर व्यापार और शोषण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई अभिभावक किसी स्कूल की मनमानी का शिकार है, तो वह लिखित या फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकता है, उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। यह कार्रवाई न केवल स्कूलों को नियमों में रहने का सबक सिखाएगी, बल्कि अभिभावकों को भी राहत की सांस लेने का मौका देगी, जो वर्षों से इस मनमानी व्यवस्था से जूझते आ रहे थे।
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