मिट्टी की सेहत सुधारने में जुटा कृषि विभाग, 11200 नमूने लिए
Sambhal News - जनपद की कृषि भूमि पर रसायनों और उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग ने मृदा स्वास्थ्य सुधार योजना के तहत 11200 मृदा नमूनों की जांच कराने का अभियान शुरू...

जनपद की कृषि भूमि पर रसायनों और उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग ने मिट्टी की उर्वरा शक्ति को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसके चलते उत्पादन में भी गिरावट देखी जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कृषि विभाग ने अब मृदा स्वास्थ्य सुधार योजना के तहत बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत जिले भर में कुल 11200 मृदा नमूनों को एकत्र कर उनकी जांच कराई जाएगी। उप कृषि निदेशक अरूण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस अभियान को सभी विकास खंडों में प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है। प्रत्येक विकास खंड से 20 गांवों का चयन किया गया है और प्रत्येक ग्राम पंचायत से 100 मृदा नमूने लिए जा रहे हैं।
ये सभी नमूने मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे जहां उनकी वैज्ञानिक जांच की जाएगी। जांच के बाद किसानों को उनके खेत की स्थिति के अनुरूप मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे। इन कार्डों में यह स्पष्ट होगा कि किस खेत में किस पोषक तत्व की कितनी मात्रा मौजूद है और किसकी कमी है। इसके आधार पर किसानों को यह सलाह दी जाएगी कि उन्हें उर्वरकों और रसायनों का कितना और किस प्रकार से उपयोग करना चाहिए। उत्पादन में होगा सुधार, खर्च में कटौती मिट्टी की जांच के बाद वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि किसानों को उर्वरकों पर होने वाले अतिरिक्त खर्च से भी राहत मिलेगी। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगा। किसानों को फसल चक्र कैसे अपनाया जाए, जैविक खाद का किस प्रकार प्रयोग किया जाए और रसायनों के दुष्प्रभावों से कैसे बचा जाए, इसके बारे में भी जागरूक करने की आवश्यकता है।
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