स्थानीय स्तर पर मौन पालन को दिया जाएगा बढ़ावा
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में शहद उत्पादन के लिए मौन (मधुमक्खी) पालन
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में शहद उत्पादन के लिए मौन (मधुमक्खी) पालन किया जाएगा। दो सौ से अधिक यूनिट लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। मौन पालन करने वाले किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर शहद का उत्पादन कर किसान अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। शहद पोषक तत्वों से भरपूर होता है। विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में इसका प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। शहद की ऊंची कीमत होने कारण इसमें अत्यधिक लाभ की भी संभावना है। जिले में दो सौ यूनिट मधुमक्खी पालन का लक्ष्य रखा गया है।
स्थानीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर पत्रावली को शासन में भेज दिया गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद किसानों के चयन व अन्य प्रकियाएं शुरू कर दी जाएंगी। जिला उद्यान अधिकारी समु्द्र गुप्त मल्ल ने बताया कि मधुमक्खी पालन-शहद के उत्पादन के लिए मधुमक्खियों के छत्तों का रख-रखाव ही मधुमक्खी पालन अथवा मौन पालन है। मधुमक्खी पालन से प्राप्त होने वाले शहद का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। शहद उच्च पोषक महत्त्व का आहार है तथा औषधियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। मधुमक्खियां मोम भी पैदा करती हैं जिसका कांतिवर्धक वस्तुओं की तैयारी तथा विभिन्न प्रकार के पॉलिश वाले उद्योगों में प्रयोग किया जाता है। यही नहीं मधुमक्खियां सूर्यमुखी, सरसों, सेब तथा नासपाती के लिए परागण का काम भी करती है। पुष्पीकरण के समय यदि इनके छत्तों को खेतों के बीच रख दिया जाए तो इससे पौधों की परागण क्षमता बढ़ जाती है और इस प्रकार फसल तथा शहद दोनों के उत्पादन में सुधार हो जाता है। उन्होंने बताया कि किसान अपने फसलों की खेती करने के साथ-साथ मधुमक्खी पालन भी आसानी से कर सकते हैं। इससे किसानों के आय में इजाफा होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।