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तीसरी आंख अपराध रोकनें में बन रही मददगार

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में तीसरी आंख अपराध रोकने में पुलिस की मददगार

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 19 April 2025 10:18 AM
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तीसरी आंख अपराध रोकनें में बन रही मददगार

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में तीसरी आंख अपराध रोकने में पुलिस की मददगार साबित हो रही है। जनपद की कई बड़ी वारदतों का खुलासा कैमरे की मदद से ही संभव हो पाया। जिसकी वजह से सीसीटीवी कैमरे पर पुलिस को अधिक ऐतबार है और जनता का भी विश्वास बढ़ रहा है। शायद यही वजह है कि ऑपरेशन त्रिनेत्र अभियान जनपद में सफल हो रहा है और जनसहयोग से कैमरे लगवाने का आंकड़ा 10 हजार के पार हो चुका है।

दो हजार के दशक तक पुराने ढर्रे की पुलिसिंग रही। पुलिस कर्मियों की संख्या जहां सीमित होती थी, वहीं पुलिस के पास संसाधन भी कम होते थे। उस दौरान बीट के सिपाही थाने से रॉयफल लेकर साइकिल से क्षेत्र में निकलते थे और उनके पास टार्च भी होता था। दो-तीन दिन तक क्षेत्र में गुजारने के बाद वापस थाने पर लौटते थे। उस दौरान मुखबिर तंत्र पर पुलिस का अत्यधिक भरोसा था। चौकीदार से लेकर गांव के संभ्रांत तो पुलिस को सूचनाएं देते ही थे, साथ में अपराधियों में भी पुलिस की घुसपैठ होती थी। जिसकी वजह से जरूरत पर उनका इस्तेमाल करके दूसरे अपराधियों पर आसानी से कानूनी शिकंजा कसती थी। जैसे-जैसे संचार क्रांति का दौर शुरू हुआ और अपराधी भी हाईटेक होने शुरू हुए तो पुलिसिंग का ट्रेंड भी बदलता गया। पुलिस आधुनिकीकरण में आगे निकलती गई।

सीसीटीएनएस ने जब से पांव पसारा तभी से दौर बदलता गया। ऑन लाइन एफआईआर और केस डायरी तक कंप्यूटर से काटे जाने लगे। जुलाई 2024 में नया कानून भी प्रभावी हो गया। 2020 के बाद सीसीटीवी कैमरे का चलन भी तेजी पकड़ने लगा। धीरे-धीरे कैमरे का महत्व भी लोगों की समझ में आने लगा। शहरों में लोग अपनी दुकान, प्रतिष्ठान और मकान पर कैमरे लगवाने लगे। इधर जुलाई 2023 में ऑपरेशन त्रिनेत्र अभियान चलाया गया। जिसमें जनसहयोग से शहर से लेकर कस्बे और गांवों तक कैमरे लगवाने पर जोर दिया जाने लगा। थानेवार लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। जिले के कुल 02 हजार स्थानों पर कैमरे लगाने के लिए चिन्हांकन किया गया। इधर पुलिस ने कई ऐसी बड़ी घटनाओं का खुलासा किया, जो सीसीटीवी कैमरे की मदद से खुले। इससे जनता का विश्वास भी बढ़ने लगा। अब तक 1471 स्थानों पर पुलिस जनसहयोग से सिर्फ अभियान में करीब 08 हजार कैमरे लगवाए। वैसे अब तक जनपद में कुल 10 हजार से अधिक कैमरे लगवाए जा चुके हैं।

खलीलाबाद शहर के मोहिउद्दीनपुर मोहल्ले की रहने वाली 80 वर्षीय रामराजी देवी 21 नवंबर 2024 की रात घर से 300 मीटर दक्षिण खेत में बनी झोपड़ी में सोई थी। 22 नवंबर को रामराजी देवी चारपाई पर मृत हाल में मिली थी और उनके पहने गहने भी गायब थे। पीएम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की बात सामने आई। 23 नवंबर को पुलिस ने पीड़ित बेटे रामचंदर की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से हत्यारोपी की पहचान की और उसे पकड़ कर जेल भेजा।

महुली थाना क्षेत्र के नाथनगर कस्बे से नवंबर 2024 में ही ट्रैक्टर-ट्राली चोरी हो गई थी। यह घटना खोलना भी पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण था। इसमें भी सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया। पुलिस घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ने के साथ ही बस्ती जिले के दुबौलियां से ट्रैक्टर-ट्राली भी बरामद किया था। इस खुलासे में गश्त के दो सिपाहियों ने भी मदद की थी।

सिद्धार्थनगर जिले के तेतरी बाजार स्थित शास्त्रीनगर निवासी एवं मोबाइल दुकानदार नूर आलम के दो कर्मचारियों से एक फरवरी 2025 को बेलहर क्षेत्र के निघुरी के पास बदमाशों से साढ़े छह लाख रुपये लूट लिया था। इस मामले में 05 फरवरी को अज्ञात बदमाशों पर केस दर्ज हुआ था। इस घटना का भी पर्दाफाश करने में सीसीटीवी कैमरा पुलिस का सहायक रहा। अभी हाल में मुठभेड में सिद्धार्थनगर के रहने वाले दो बदमाश पकड़े गए थे। जिसमें एक बदमाश के पैर में गोली भी लगी थी। कर्मचारी ने ही साजिश रच कर लूट की वारदात कराई थी।

कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के बैरमपुर के रहने वाले ई-रिक्शा चालक 19 वर्षीय अमन पुत्र हरिश्चंद 10 फरवरी 2025 को लापता हुआ था। 11 फरवरी को महुली क्षेत्र के घोरही के पास लावारिश हाल में उसका ई-रिक्शा मिला था और उसी दिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज किया था। 16 फरवरी को पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर गांव के ही रहने वाले चार सगे भाईयों पर अपहरण कर छिपाने की आशंका में केस दर्ज किया। 23 मार्च को महुली क्षेत्र के मैनसिर के सीवान नहर में टुकड़ों में बटी सड़ी-गली बोरे में लाश मिली थी, जो ईट से बांध कर डुबोई गई थी। कपड़े और जूते के आधार पर अमन के शव की पहचान हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट पहुंचा कर हत्या किए जाने की बात सामने आई थी। करीब एक सप्ताह पूर्व यह घटना भी सीसीटीवी कैमरे की मदद से ही खुली। घटना में शामिल दोनों दोस्त आरोपी जेल भेजे गए।

एसपी सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि सीसीटीवी कैमरा लगे होने से बदमाशों के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है और उस स्थल पर बदमाश वारदात करने से परहेज करते हैं। कैमरे पहरेदारी का कार्य करते हैं। इससे वारदात होने की स्थिति में खुलासा करने में पुलिस को मदद मिलती है। लोगों से अपील है कि वे अपने घरों, कॉलोनियों, प्रतिष्ठानों में कैमरे जरूर लगवाएं, ताकि अपराध एवं अपराधियों पर निगरानी आसान हो सके।

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