CM Yogi Adityanath to Visit Historic Tameshwar Nath Temple First CM in History तामेश्वरनाथ धाम आने वाले पहले सीएम होंगे योगी आदित्यनाथ, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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तामेश्वरनाथ धाम आने वाले पहले सीएम होंगे योगी आदित्यनाथ

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, राहुल राय। जनपद के आस्था का केन्द्र ऐतिहासिक शिव मन्दिर तामेश्वरनाथ धाम में

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरMon, 26 May 2025 04:54 AM
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तामेश्वरनाथ धाम आने वाले पहले सीएम होंगे योगी आदित्यनाथ

संतकबीरनगर, राहुल राय। जनपद के आस्था का केन्द्र ऐतिहासिक शिव मन्दिर तामेश्वरनाथ धाम में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे। वे भगवान शिव का अभिषेक करने के साथ ही विधि विधान से पूजन-अर्चन करेंगे। इसके साथ ही कई बड़ी सौगात भी देंगे। इसको लेकर स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। लोग काफी उत्साहित हैं। क्योंकि महाभारत कालीन इस ऐतिहासिक मंन्दिर में बतौर सीएम आने वाले पहले नेता योगी आदित्यनाथ होंगे। इससे पूर्व पद पर रहते हुए न तो कोई मुख्यमंत्री यहां आए हैं और ना ही किसी बड़े नेता का ही आगमन हुआ है। तामेश्वरनाथ मन्दिर जनपद ही नहीं कई जनपदों के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र है।

यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं और जलाभिषेक करते हैं। मुंडन, जनेऊ के साथ ही विवाह तक के कार्यक्रम होते रहते हैं। लेकिन यह विकास से अभी कोसों दूर है। जिस तरह का विकास होना चाहिए वह हो नहीं पा रहा है। पूर्व प्रधान नागेन्द्र भारती की मानें तो तामेश्वरनाथ मन्दिर में आने वाले योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री होंगे। आज तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि 80 के दशक में चौधरी चरण सिंह यहां आए लेकिन वे भी तब आए थे जब पूर्व मुख्यमंत्री हो गए थे। इसके अलावा वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी यहां का दौरा किया था। जिस समय वे तामेश्वरनाथ आए थे उस समय वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उन्होंने बताया कि पहली बार मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो यहां को लोगों को उम्मीद है कि तामेश्वरनाथ को पर्यटन स्थल के साथ ही नगर पंचायत की घोषणा करेंगे। पूर्व प्रधान ब्रम्ह शंकर भारती ने कहा कि लाखों लोगों के आस्था का केन्द्र तामेश्वरनाथ धाम में पहली बार मुख्यमंत्री आ रहे हैं, यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है। आजादी के बाद से ही तमाम मुख्यमंत्री हुए लेकिन किसी ने यहां के महत्व को नहीं समझा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आने से ये के सर्वांगीण विकास की उम्मीद जग गई है। बांसी राजा ने 350 वर्ष पूर्व कराया था गर्भगृह का निर्माण तामेश्वरनाथ शिव मन्दिर के गर्भगृह का निर्माण 350 वर्ष पूर्व बांसी के तत्कालीन राजा ने कराया था। उस समय भारती परिवार के पूर्वज सन्यासी टेकधर भारती के जिम्मे मंदिर का देखरेख सौंपा गया था। उन्होने बताया कि तामेश्वरनाथ में रह रहे भारती परिवार मूल रूप से हरनही तहसील के जैसरनाथ भरोहिया के निवासी हैं। गर्भगृह निर्माण के बाद जैसे-जैसे श्रद्धालु यहां आते गए मंदिर निर्माण का कार्य चलता रहा। वर्तमान समय में परिसर में मुख्य शिव मंदिर सहित करीब सोलह छोटे बड़े शिवालय और हनुमान मंदिर भी हैं। हर वर्ष श्रावणमास के महीने भर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचती है। इसी तरह पुरुषोत्तम मास में भी शिव भक्तों का यहां जमावड़ा होता है। महाशिवरात्रि में एक महीने तक अनवरत यहां मेले का आयोजन होता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु शिव जी को जलाभिषेक करते हैं। द्वापर युग में अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने की थी शिवलिंग की स्थापना पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडव अपनी माता कुंती के साथ तामेश्वरनाथ धाम में पहुंचे थे। जहां शिव की आराधना के लिए माता कुंती ने शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर से थोड़ी दूर रामपुर में स्थित एक पोखरे का निर्माण भी पांडवों ने कराया था। जो आज द्वापर के नाम से जाना जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि इस पोखरे का निर्माण द्वापर युग में होने के वजह से इसका नाम द्वापर रहा होगा। पोखरे के निर्माण में प्रयुक्त ईंट भी अपनी ऐतिहासिक स्थिती को बयां करते है।

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