Court Denies Permission for Fraud Accused to Travel to London for Treatment जालसाजी की आरोपिता की विदेश जाने के अनुमति की निगरानी निरस्त, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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जालसाजी की आरोपिता की विदेश जाने के अनुमति की निगरानी निरस्त

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले की निवासी ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर चुकी फ्राड

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरThu, 22 May 2025 12:33 PM
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जालसाजी की आरोपिता की विदेश जाने के अनुमति की निगरानी निरस्त

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले की निवासी ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर चुकी फ्राड व जालसाजी की आरोपिता का उपचार के बहाने लन्दन जाने के अनुमति की निगरानी जनपद एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र प्रसाद चौधरी की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात निरस्त कर दिया। आरोपिता सकलैन खातून के पति शमसुलहुदा पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन दावते इस्लामी से संबंध होने का आरोप लगाया गया है। साथ ही पति-पत्नी के ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर लेने का भी आरोप लगा है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि सकलैन खातून पत्नी शमसुलहुदा जिले के दुधारा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरिया लाल की निवासी है।

आरोपिता के विरुद्ध वर्ष 2024 में जालसाजी व फ्राड का अभियोग पंजीकृत हुआ है। आरोपिता ने इसी अभियोग के चलते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में उपचार के लिए लन्दन यूके जाने के लिए अनुमति का आवेदन किया था। इस आवेदन पत्र को सीजेएम की कोर्ट ने 5 फरवरी 2025 को निरस्त कर दिया। सीजेएम के आदेश के विरुद्ध आरोपिता ने जनपद एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में आपराधिक निगरानी प्रस्तुत किया। निगरानी की सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि पति तथा अन्य परिजन ब्रिटेन में नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं। आवेदिका के पति का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन दावते इस्लामी से है। पति द्वारा आतंकवादी गतिविधियों से अर्जित धन से अनेक स्थानों पर अवैध सम्पत्ति क्रय किया गया है। इस सम्पत्ति को क्रय करते समय इस तथ्य को छिपाया गया कि वह ब्रिटेन का नागरिक है। आरोपिता पति के कार्यों की सहयोगी है। इसी कारण इसके विरुद्ध फ्राड व जालसाजी का अभियोग पंजीकृत हुआ है। विदेश किस बीमारी के उपचार के लिए जाना है, इसका कोई उल्लेख नहीं है। बीमारी के संबंध में कोई विश्वसनीय प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। फ्राड के मुकदमे से बचने के लिए विदेश जा कर वापस आने की सम्भावना नहीं है। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र प्रसाद चौधरी की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आपराधिक निगरानी निरस्त करने का फैसला सुनाया।

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