राजस्थान में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की मौत, एक-दूसरे को बचाने में गई जान
शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कहा कि टैंक के अंदर कार्बन डाई ऑक्साइड या कोई अन्य खतरनाक गैस बड़ी मात्रा में मौजूद थी, जिसके चलते दम घुटने से उनकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने वास्तविक वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलने की बात भी कही।

राजस्थान के बीकानेर में गुरुवार को हुई एक दुखद घटना में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। यह दुर्घटना करणी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक ऊन प्रोसेसिंग फैक्ट्री में हुई। पुलिस ने बताया कि मजदूरों को धागे की प्रोसेसिंग में उपयोग होने वाले रसायन युक्त खराब पानी (अपशिष्ट जल) से भरे टैंक की सफाई के लिए बुलाया गया था, इसी दौरान यह हादसा हो गया। हादसे को लेकर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दुख जताते हुए इसे दुर्घटना मानने से इनकार करते हुए संस्थागत हत्या बताया। साथ ही इस घटना को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा, जो कि गुरुवार को ही बीकानेर में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे।
मामले की जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 'सबसे पहले एक मजदूर टैंक में घुसा, उतरने के बाद जब काफी देर तक उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उसके बाद अन्य दो मजदूर भी अंदर गए। तीनों वहां मौजूद जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। तीनों के प्रतिक्रिया नहीं देने पर वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों ने उन मजदूरों को बाहर निकाला और उन्हें बीकानेर के PBM अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।' ॉ
मृतकों की पहचान सागर, अनिल और गणेश करणी के रूप में हुई है, जो सभी बीकानेर के शिवबाड़ी इलाके के रहने वाले थे। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने कहा कि टैंक के अंदर कार्बन डाई ऑक्साइड या कोई अन्य खतरनाक गैस बड़ी मात्रा में मौजूद थी, जिसके चलते दम घुटने से उनकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने वास्तविक वजह का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलने की बात कही।
उधर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस हादसे को दुर्घटना मानने से इनकार कर दिया और संस्थागत हत्या बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखी अपनी एक पोस्ट में डोटासरा ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी.. आज बीकानेर में नाले की सफाई के दौरान 3 मजदूरों की दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। ये हादसा नहीं, संस्थागत हत्या है। उम्मीद थी कि आप मृतक मजदूरों के परिवारजनों के प्रति संवेदना में दो शब्द कहेंगे लेकिन न तो आपने संवेदना जताई और न ही राज्य की भाजपा सरकार ने इसकी जिम्मेदारी ली।'
आगे उन्होंने कहा, ' न सुरक्षा किट, न ट्रेनिंग, न संवेदना.. क्या मज़दूरों की जान इतनी सस्ती है? सरकार को इस घटना की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए एवं मृतकों के परिवारजनों को उचित मुआवजा देना चाहिए। मृतकों के परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।'