पति-पत्नी में बढ़ रही दरारें, पिस रहे मासूम, परेशान हो रही पुलिस
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में आधुनिकता की चकाचौध में परिवार संस्था धराशायी हो

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में आधुनिकता की चकाचौध में परिवार संस्था धराशायी हो रही है। जन्म-जन्मांतर के संबंधों को निभाने की कसमें लेकर एक-दूजे के होने वाले जोड़ों में वैवाहिक बंधनों के ढीले पड़ने से परिवार में बिखराव हो रहा है। ऐसा हम नहीं,बल्कि जनपद संतकबीरनगर में हो रही घटनाएं गवाही दे रही हैं। आपसी विश्वास के इस रिश्ते को बढ़ने वाला वहम पल भर में निगल जा रहा है। जिसके चलते पारिवारिक विघटन में नित नई कड़ियां जुड़ रही हैं। जिसमें तीन ऐसी घटनाएं सामने आई, जो चिंतनीय हैं।
एक मामले में कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले पांच वर्षीय और तीन वर्षीय सगे भाई 22 मार्च को दिन में 12 बजे गांव से लापता हो गए थे। पीड़ित मां ने पहले अपने स्तर से तलाश की, जब पता नहीं चला तो देर शाम कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज करने की तहरीर दी। पुलिस ने अज्ञात में अपहरण का केस दर्ज किया। जैसे ही मामला एसपी के संज्ञान में पहुंचा, वैसे ही इसमें टीमें लगा दी गई। पुलिस की जांच में पता चला कि पति-पत्नी के बीच रिश्ते ठीक नहीं है। गांव से दोनों मासूम बेटों को बिना पत्नी को बताए ही पिता साथ लेकर चला गया था। धनघटा क्षेत्र के रामपुर बारहकोनी से दोनों बच्चों को पुलिस ने बरामद किया। साथ में बच्चों का पिता भी मौजूद था। मामले के विवेचक एसआई शंभू राम ने बताया कि दोनों बच्चों को सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया गया, फिर बच्चे मां के साथ गए। बच्चों का बयान भी दर्ज कराया गया। बच्चों का पिता के साथ जाना पाया गया। मुकदमें में किसी प्रकार अपराध किए जाने का साक्ष्य नहीं पाया गया। जिसकी वजह से 29 मार्च को ही मुकदमें में एफआर लगा दिया गया।
दूसरे मामले में कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने रविवार की रात दस बजे पुलिस को सूचना दिया कि उसके 07 वर्षीय और 05 वर्षीय बच्चे 06 अप्रैल को 11 बजे दिन में लापता हो गए। दोनों बच्चों की काफी तलाश की, लेकिन बच्चे नहीं मिले। घटना को पुलिस ने गंभीरता से लिया और जांच पड़ताल शुरू किया। पुलिस की जांच में पता चला कि महिला का उसके पति से दो साल से विवाद चल रहा है। पति लुधियाना में रहता है। बच्चों का पिता गांव के शिवालय पर पहुंचा और वहीं बच्चों को कोल्ड ड्रिंक पिलाया और साथ लेकर चडीगढ़ चला गया। दोनों पक्षों की आपस में बातचीत हो गई। घटना की सूचना के महज 12 घंटे के भीतर ही मामले की सच्चाई पता चल गई। महिला ने बाद में बच्चों के पति के साथ जाने की लिखित सूचना पुलिस को दी।
तीसरे मामले में धनघटा क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला की चाहत पर उसके पति ने प्रेमी से विवाह करा दिया था। महिला के 07 साल और 02 साल के बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी पिता ने खुद उठा ली, लेकिन बच्चों को मां की कमी खल रही थी। बच्चे अपनी मां को तलाश रहे थे। इधर सिर्फ पांच दिन तक महिला प्रेमी से पति बनने वाले के साथ रही। छठें दिन दोनों बच्चों को लेकर पहला पति महिला के पास पहुंच गया। महिला ने बच्चों और अपने पहले पति को फिर अपना लिया। इसमें प्रेमी और दूसरे पति और उसकी मां ने भी साथ दिया। यह मामला सुर्खियों में रहा।
एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि जो सूचनाएं मिल रही हैं, पुलिस गंभीरता से लेकर उसकी जांच पड़ताल करके विधिक कार्रवाई कर रही है। पिछले 15 दिनों में सिर्फ कोतवाली क्षेत्र में मासूम बच्चों के लापता होने की अलग-अलग दो सूचनाएं मिलीं। वैसे पुलिस की तत्परता से 24 घंटे के भीतर ही दोनों मामले का पटाक्षेप हो गया। पुलिस की जांच में पता चला कि पत्नी को बिना बताए पिता ही बच्चों को साथ ले गए थे। समाज में ऐसी मनोवृत्ति का पनपना चिंतनीय है।
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर मंजू मिश्रा ने कहा कि पति-पत्नी जीवन के दो पहिए हैं। इसमें विश्वास की डोर का मजबूत होना नितांत जरूरी है। आधुनिक दौर में जहां वहम और विश्वास की कमी हो रही है, वहीं दांपत्य जीवन कमजोर हो रहा है। जिसकी वजह से उनके बच्चों में अनुशासन और भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में पति-पत्नी में बेहतर तालमेल का होना जरूरी है।
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