चक आवंटन में चकबंदी अधिकारियों पर मनमानी का आरोप, डीएम से शिकायत
Santkabir-nagar News - धनघटा तहसील के कोड़रा गांव के किसानों ने चक आवंटन में मनमानी का आरोप लगाया है। कास्तकारों ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को ऑनलाइन शिकायत भेजकर जांच की मांग की है। आरोप है कि चकबंदी अधिकारी आर्थिक लाभ...

धनघटा, हिन्दुस्तान संवाद। धनघटा तहसील क्षेत्र के कोड़रा गांव में चल रही चकवंदी प्रक्रिया के वीच किसानों के चक आवंटन में गांव के कास्तकारों द्वारा स्थानीय चकबंदी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उपर आर्थिक लाभ पाकर मनमानी करने का आरोप लगाया जा रहा है। इस संबंध में गांव के कास्तकारों ने मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी पोर्टल पर आनलाइन शिकायत कर जांच करते हुए चकबंदी अधिकारियों द्वारा मनमानी तरीके से की जा रही चक आवंटन की प्रक्रिया पर लगाम लगाने की मांग की है।
तहसील क्षेत्र के कोड़रा गांव निवासी कास्तकार रामशंकर पुत्र कपिलदेव तथा अनुग्रह पुत्र जगदीश आदि ने मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को आनलाइन दर्ज कराई गई शिकायत में वताया है कि गांव में चल रही द्वितीय चक्र की चकबंदी प्रक्रिया में एसीओ स्तर पर आर्थिक लाभ लेते हुए असंवैधानिक व विधि-विरूद्ध तरीके से उनके आवंटित चक संख्या (आधार वर्ष खतौनी संख्या-76) के गाटा संख्या 201/1-0.956, 208/2-0.492 में उनका एक तिहाई का अंश है जिस पर वह मौके पर काविज भी हैं लेकिन एसीओ स्तर पर मनमानी व विधि-विरूद्ध तरीके से उनके मूलचक में चक आवंटन करने के बजाय सगे पट्टीदारों से आर्थिक लाभ लेकर उन्हें मूल गाटा संख्या 208/2 से हटाकर गाटा संख्या 200/1 मि.0.026 तथा गाटा संख्या 200/1 मि.0.429 का चक निर्धारण कर दिया गया है जिससे उनकी अपूरणीय क्षति हो रही है जिसको लेकर उनके द्वारा एसओसी न्यायालय में अपील भी प्रस्तुत किया गया है जो न्यायिक प्रक्रिया में विचाराधीन है। दूसरी तरफ एसीओ कब्जा परिवर्तन करके मुकदमा दौरान ही उन्हें मूल गाटे से कब्जा हटाने की फिराक में लगे है जवकि बगैर मुकदमा निस्तारित हुए विवादित भूखंड का कब्जा परिवर्तन कराना न्यायिक प्रक्रिया के सिद्धान्तों के विपरीत है। प्रार्थनापत्र में उक्त कास्तकारों ने चक निर्धारण के बाबत एसओसी न्यायालय में दाखिल वाद का निस्तारण होने तक कब्जा परिवर्तन करने की प्रक्रिया को रोके जाने की मांग जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री को भेजे गए आनलाइन शिकायतीपत्र में की है।
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