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2.32 लाख के गबन में ग्राम प्रधान का वित्तीय अधिकार सीज

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवार ने 2.32 लाख

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरWed, 23 April 2025 03:42 PM
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2.32 लाख के गबन में ग्राम प्रधान का वित्तीय अधिकार सीज

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवार ने 2.32 लाख के वित्तीय अनियमितता में फंसे बघौली ब्लाक के फेउसी ग्राम पंचायत के प्रधान के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाते हुए ग्राम पंचायत में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने यह कार्रवाई ग्राम पंचायत के एक व्यक्ति की शिकायत के बाद हुई जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद की है।

डीपीआरओ मनोज यादव ने बताया कि हरसुत मिश्र पुत्र राम बुझारत मिश्र ने निवासी फेउसी ने जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायती पत्र सौपते हुए ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता किए जाने की बात कही थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने 27 सितम्बर 2024 को जांच के लिए टीम गठित किया। जांच टीम में जिला सहायक निबंधक सहकारिता, सहायक अभियन्त लोक निर्माण विभाग शामिल रहे। दोनों अधिकारियों ने जांच किया। जांच में पाया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय के कायाकल्प में व्यय मजदूरी मद में 22,800 व 10,400 के अलावा रंगाई पुताई का 53,323 रुपए का भुगतान अपने स्वयं के खाते में कर लिया गया है। जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। इसी तरह ग्राम पंचातय में हुई कई अन्य कार्यों के मजदूरी मद का धन ग्राम प्रधान ने मजदूरों के खाते में करने के बजाय अपने व्यक्तिगत खाते में कर लिया। जांच टीम ने कुल 2 लाख 32 हजार 100 रुपए की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि करते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत अधिकारी संजय कुमार, रमेश चन्द्र यादव और ग्राम विकास अधिकारी अभय कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। वहीं जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान से नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया। सभी ने अपने स्पष्टीकरण में स्वीकार किया कि ग्राम प्रधान ने मजदूरी का पैसा अपने खाते में लिया है। अपने बचाव में कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं कर सकें। इसके बाद जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाते हुए गांव में तीन सदस्यी कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को और ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीडीओ को निर्देशित किया है।

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