Four New Police Stations Await Approval in Sant Kabir Nagar for Improved Law and Order नए थानों को मिले स्वीकृति तो लगे अपराध पर अंकुश, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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नए थानों को मिले स्वीकृति तो लगे अपराध पर अंकुश

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में पिछले दो वर्षों से चार नए थानों की फाइल शासन में अटकी हुई है। जिला प्रशासन ने नए थानों के लिए भूमि भी ढूंढ ली है। नए थानों के निर्माण से अपराध पर अंकुश लगेगा और लोगों को न्याय...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरTue, 20 May 2025 07:02 PM
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नए थानों को मिले स्वीकृति तो लगे अपराध पर अंकुश

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में चार नए थाने बनने की फाइल शासन में पिछले दो साल से अटकी हुई है। जिला प्रशासन ने प्रस्तावित नए थानों के लिए जमीन भी ढूंढ़ लिया है। अब बस स्वीकृति का इंतजार है। नए थानों के बनने से जनपद के अपराध पर अंकुश लगेगा ही साथ ही लोगों आसानी से न्याय मिल सकेगा। जनपद की आबादी तो बढ़ गई, लेकिन प्रस्तावित नए थानों के बनने की मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई। जिसकी वजह से फरियादियों को अधिक दूरी और समय खर्च कर थानों पर समस्या निस्तारण के लिए जाना मजबूरी है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने सोमवार को धनघटा क्षेत्र लोगों से संवाद स्थापित किया तो लोगों ने एक सुर में नए थानों के बनाए जाने की मांग रखी।

करीब 21 लाख की आबादी वाले संतकबीरनगर जिले में तीन विधान सभा क्षेत्र खलीलाबाद, मेंहदावल और धनघटा शामिल हैं। जिसकी सुरक्षा के लिए जिले में महिला थाना समेत नौ थाने स्थापित हैं। वर्ष 1997 में संतकबीरनगर जिला अस्तित्व में आया, लेकिन लगभग सवा दो सौ गांव ऐसे थे, जिनके राजस्व संबंधी काम संतकबीरनगर जिले से होते थे, मगर पुलिस संबंधी कार्य बस्ती और सिद्धार्थनगर जिले से होते थे। वर्ष 2008 में तत्कालीन एसपी सुग्रीव गिरि की पहल से गैर जिले के थानों से जुड़े वे सभी गांव जनपद में शामिल हो गए। उसके बाद थानों में गांवों की संख्या और आबादी का भार और बढ़ गया। थानों से तमाम गांवों की दूरी भी बढ़ी और घटना होने पर समय से थानों पर फरियादी के पहुंच पाने या फिर सूचना पर समय से पुलिस के पहुंचने की समस्या बरकरार है। वर्ष 2008 में ही तत्कालीन एसपी सुग्रीव गिरी ने जिले में पांच नए थाने स्थापित किए जाने का प्रपोजल शासन को भेजवाया था। वर्ष 2019 में पूर्व विधायक राकेश सिंह बघेल ने प्रयास करके प्रस्तावित नया थाना बेलहर की मंजूरी शासन से कराई। उसके बाद से सांथा पुलिस चौकी में बेलहर थाने का संचालन भी शुरू हो गया। नया थाना कार्यालय भवन और आवासीय भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अन्य चार थाने की फाइल निरस्त कर दी गई थी। करीब दो साल पहले एसपी सत्यजीत गुप्ता ने चार नए थाने पौली, लोहरैया, कालीजगदीशपुर और कांटे का प्रपोजल नए सिरे से तैयार करा कर शासन को भेजवा दिया है। लेकिन तब से फाइल शासन में लटकी है, अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। सोनू कुमार व आदित्य नारायण पाण्डेय ने कहा कि इन प्रस्तावित थानों की स्थापना हो गई होती तो कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता था। सबसे अधिक धनघटा थाने में हैं 326 गांव स्थानीय नागरिकों ने कहा कि जिले का सर्वाधिक लम्बा-चौड़ा क्षेत्र धनघटा थाने का है। धनघटा थाने में कुल 326 गांव हैं। आबादी भी करीब तीन लाख के आस-पास है। पुलिस बल की संख्या सीमित है और बल की कमी की वजह से नए मानक के अनुसार पुलिस कर्मियों की तैनाती भी नहीं है। अपराध के दृष्टिकोण से भी जनपद संवेदनशील है। उसमें खास कर धनघटा थाना है। जिसके दक्षिण में घाघरा नदी है, जो अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती जनपद की सीमा को छूता है। अपराधियों के लिए दियारा का इलाका काफी महफूज माना जाता है। धनघटा थाने का काट कर दो नए थाने पौली और लोहरैया को नया थाना बनाए जाने का प्रपोजल है। पौली और लोहरैया वाच एंड वाच चौकी भी है। महुली थाने में भी करीब 200 गांव है। इस थाने के हिस्से को काट कर काली जगदीशपुर में भी नया थाना बनना है। कोतवाली खलीलाबाद के कांटे चौकी को थाना बनाया जाना है। कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए इन प्रस्तावित थानों की स्थापना किया जाना जरूरी है। तीन जनपदों के सीमा पर होने से है धनघटा थाने पर है अधिक दबाव संवाद के दौरान त्रिशूलधारी राय ने कहा कि धनघटा थाना जिले का सबसे बड़ा है। इस थाने की सीमा तीन जिले की सीमा से मिलती है। इससे गैर जनपद से अवांछनीय गतिविधि को रोकने का दबाव काफी ज्यादा है। 326 गांव इस थाना क्षेत्र में हैं। इसके अलावा बस्ती, गोरखपुर और अंबेडकरनगर की सीमा से भी जुड़ा है। बॉर्डर होने के कारण अपराध के दृष्टिकोण से भी संवेदनशील है। राम जानकी मार्ग के चौड़ीकरण के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। ट्रैफिक भी यहां पर अधिक है। बॉर्डर होने के कारण सतर्कता अधिक रखनी पड़ती है। लोगों को थाना तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी भी तय करना पड़ता है। थाना बनने के लिए 75 हजार की जनसंख्या का है मानक पुलिस प्रशासन के अनुसार, थाना बनने के लिए करीब 75 हजार की जनसंख्या का मानक निर्धारित है। जनसंख्या के हिसाब से महुली थाना क्षेत्र के काली जगदीशपुर पुलिस चौकी क्षेत्र की आबादी एक लाख 25 हजार, धनघटा थाने की लौहरैया पुलिस चौकी क्षेत्र की जनसंख्या करीब एक लाख 75 हजार है। इसी थाना क्षेत्र के पौली की जनसंख्या भी थाना बनने का मानक पूरा करती है। यहां एक लाख 15 हजार की आबादी है। खलीलाबाद कोतवाली की कांटे पुलिस चौकी क्षेत्र की जनसंख्या भी एक लाख 65 हजार है। अभी जनपद में हैं ये थाने अभी जिले में एक कोतवाली खलीलाबाद है। इसके अलावा धर्मसिंहवा, बेलहर कला, मेंहदावल, बखिरा, दुधारा, महुली, धनघटा थाना है। जनपद मुख्यालय पर एक महिला थाना भी है। विधायक धनघटा गणेश चौहान ने कहा कि नए थानों की स्थापना की दिशा में प्रयास जारी है। इसके साथ शासन में पैरवी कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिल कर नए थानों की महत्ता को बताते हुए स्वीकृति दिलाने की मांग की है। पूरी उम्मीद है कि नए थानों की स्वीकृति जल्द ही मिल जाएगी। विधायक खलीलाबाद अंकुर राज तिवारी ने कहा कि चार नए थानों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। नए थानों की स्थापना की दिशा में पूरी पहल की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही शासन स्तर से नए थानों के बनने की मंजूरी मिल जाएगी। हम सभी विधायकगण इसके लिए लगातार प्रयासरत है।

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