शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के ओनविलाई गांव में मां काली मंदिर पर चल रहे श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह का वर्णन किया गया। कथा व्यास पं. कृष्ण देव शास्त्री ने लोगों को सनातन धर्म की...

संतकबीरनगर, निज संवाददाता। जनपद के नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के ओनविलाई गांव में मां काली मन्दिर पर चल रहे श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन भगवान शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई। कथा व्यास पं. कृष्ण देव शास्त्री गर्ग जी महाराज ने सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागृत करते हुए मानवता के विस्तार के लिए श्रीराम के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया।
कथा व्यास ने बताया कि दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपने यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। क्योंकि भगवान शिव से दक्ष प्रजापति ईर्ष्या रखते थे। सती के हठ करने के बाद भगवान ने अपने गणों के साथ में सती को पिता के यहां भेज दिया। सती जब पिता के यहां जाती हैं तो वहां केवल उनकी माता उनसे प्रेम से मिलती हैं। अन्य ने ऐसा व्यवहार किया कि ऐसा लग रहा था सती को जानते ही नहीं हैं। सती ने यह सब सहन किया परंतु जब सती ने देखा कि भगवान शंकर का यज्ञ में कहीं कोई स्थान नहीं, कहीं कोई भाग नहीं तो पति के अपमान को वह सहन नहीं कर पाई। उन्होंने अग्नि में अपने को समर्पित कर दिया। वहीं सती जाकर राजा हिमांचल के यहां जन्म लेती हैं। नारद जी उनकी हस्तरेखा देखकर के उन्हें बताते हैं कि आपको भगवान शंकर पति रूप में प्राप्त होंगे। पार्वती जी ने घोर तपस्या किया, तब भगवान शंकर के साथ में पार्वती जी का विवाह संपन्न हुआ। कथा के अंतर्गत शंकर जी का विवाह कराया गया। वहीं उमाशंकर उपाध्याय, चक्रधारी उपाध्याय, अनिल उपाध्याय, केसरी नंदन उपाध्याय, शिव प्रसाद उपाध्याय, प्रवेश उपाध्याय, बालमुकुंद उपाध्याय, राकेश पांडे, गिरजेश उपाध्याय, मिथिलेश उपाध्याय, गोपाल शरण उपाध्याय, अमरनाथ उपाध्याय, विवेक उपाध्याय, मोहन उपाध्याय, संजय उपाध्याय सहित आदि लोग रहे मौजूद।
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