Tragic Death of Teacher Charu Ahuja After Delivery Sparks Protests and Legal Action शिक्षिका की मौत के मामले में आईएमए प्रदेश अध्यक्ष समेत चार डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज, Shahjahnpur Hindi News - Hindustan
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शिक्षिका की मौत के मामले में आईएमए प्रदेश अध्यक्ष समेत चार डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज

Shahjahnpur News - शाहजहांपुर निवासी शिक्षिका चारू आहूजा की डिलीवरी के बाद हालत बिगड़ने से मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोड जाम किया और मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। पुलिस ने चार डॉक्टरों पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरTue, 22 April 2025 05:10 AM
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शिक्षिका की मौत के मामले में आईएमए प्रदेश अध्यक्ष समेत चार डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज

पुवायां के भटपुरा चंदू में तैनात एवं शाहजहांपुर के मोहनगंज निवासी बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षिका चारू आहूजा की डिलीवरी के बाद हालत बिगड़ने से हुई मौत के मामले में परिजनों ने रविवार रात रोड जाम कर दी थी। परिजन चारू के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने पिता की तहरीर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पीके अग्रवाल और डा. दीपा सक्सेना समेत चार डाक्टरों पर मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में परिजनों की मांग पर डीएम ने चारू के शव का पोस्टमार्टम तीन डाक्टरों के पैनल से कराने के आदेश किए। शाहजहांपुर के मोहनगंज निवासी मुकेश आहूजा ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी चारू पुवायां के भटपुरा चंदू में सरकारी टीचर थी। उसकी शादी गोला गोकर्णनाथ के लक्ष्मीनगर कालोनी निवासी मयंक से हुई थी। नौकरी की वजह से चारू रहती मायके में ही थी। वह गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर उसे बृजलोक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। डा. दीपा सक्सेना ने 20 अप्रैल को चारू की आपेशन से डिलीवरी कराई। उसी समय से चारु का स्वास्थय ठीक नहीं था, किन्तु इसके बावजूद भी प्राइवेट वार्ड नंबर 1 में एडमिट किया गया, चारू को दिनभर समस्या होती रही, किन्तु डाक्टर दीपा सक्सेना द्वारा कोई भी गौर नहीं किया गया। जब चारू की हालत गम्भीर हो गई, तब डा. पाठक और डा. पीके अग्रवाल व अन्य डाक्टरों के साथ आईसीयू में चारू को वेन्टीलेटर पर रख दिया गया और 20 अप्रैल की शाम लगभग 8 बजे जब मेरी पत्नी चारु आहूजा की मृत्यु हो गई, तब उसको डा. दीपा सक्सेना स्वयं एम्बुलेंस द्वारा कमला नर्सिंग होम पर लाई। चारु आहूजा की तबीयत आपरेशन से पहले ठीक थी, बार बार कहने पर डा. दीपा सक्सेना कोई न कोई बीमारी का बहाना बनाती रहीं। बताया कि लगभग 4 यूनिट खून की कमी थी। इस प्रकरण में डाक्टरों की घोर लापरवाही के कारण चारू की जान गई। पुलिस को मिली तहरीर के आधार पर कोतवाली में डा. दीपा सक्सेना, डा. पीके अग्रवाल समेत चार डाक्टर पर मुकदमा लिखा गया।

इस प्रकरण में आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. पीके अग्रवाल ने बताया कि रविवार को रात करीब नौ बजे एक महिला मरीज को गंभीर अवस्था में उनके पास इलाज के लिए लाया गया था। आईसीयू जैसे ही मरीज को मॉनिटर पर रखा तो पता चला कि उसकी हृदय गति बंद हो चुकी है। तत्काल उसको वेंटीलेटर पर ले लिया गया तथा कार्डियक मसाज करके हृदय गति को पुनः चालू करने में सफलता मिल गई। डा. अग्रवाल ने बताया कि मरीज के घर वालों को उन्होंने बता दिया गया कि मरीज की हालत स्थिर नहीं है, इसलिए उसे बाहर अच्छे अस्पताल में ले जाएं। डाक्टर पीके अग्रवाल ने बताया कि मरीज के रिश्तेदारों की सहमति से मरीज को एंबुलेंस में शिफ्ट करने के लिए नीचे लाया गया, लेकिन इससे पहले कि मरीज एम्बुलेंस में शिफ्ट हो पाती, मरीज के घरवाले किसी अस्पताल के स्टाफ को ले आए तथा उसमें अस्पताल परिसर में ही इलाज करवाना शुरू कर दिया, उसने जो जो दवाई मांगी मेरे ‌द्वारा उपलब्ध करा दी गई। लगभग आधा-पौन घंटे के बाद उसने मरीज को पुनः आईसीयू में ले आने की सलाह दी। तब डाक्टर पीके अग्रवाल ने कार्डियक मॉनिटर मरीज को लगाकर देखा तो हृदय गति पुनः बंद हो चुकी थी, इसलिए उन्होंने मरीज को तत्काल मृत घोषित कर दिया।

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