कत्थक कार्यशाला में लय, ताल, भाव और शास्त्रीयता के समन्वय का किया अनुभव
Shamli News - बुधवार को बीएसएम स्कूल में कत्थक कार्यशाला का तीसरा दिन छात्रों और महिलाओं के लिए उत्साहपूर्ण रहा। प्रशिक्षकों ने लयकारी, भाव, और रस की महत्वपूर्ण विधाओं की जानकारी दी। विद्यार्थियों ने श्रृंगार,...

बुधवार को शहर के बीएसएम स्कूल में चल रही साप्ताहिक कत्थक कार्यशाला के तीसरे दिन भी विद्यार्थियों व बाहर से आई महिलाओं और लड़कियों ने भरपूर उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षण के लिए आए हुए छात्र-छात्राओं को कत्थक की महत्वपूर्ण विधाओं की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। बुधवार को कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों को लयकारी के विभिन्न आयामों एगुन, दुगुन, चौगुन की बारीकियां को सिखाया गया। प्रशिक्षकों ने ताल और लय की समझ को सरल उदाहरण द्वारा प्रस्तुत किया। जिससे छात्र लयबद्धता को बेहतर ढंग से आत्मसात कर सके। इसके अतिरिक्त छात्रों को कत्थक में हाव-भाव (हस्क एक्सप्रेशन) भाव और रस की भूमिका से भी परिचित कराया गया।
प्रशिक्षकों ने बताया कि किस प्रकार से भावाभिव्यक्ति एक प्रस्तुति को जीवंत और प्रभावशाली बनती है। बच्चों ने विभिन्न भावों जैसे- श्रृंगार, करुण, वीर आदि को अभिनव के माध्यम से व्यक्त करने का अभ्यास किया। रुचि बलूनी की सहायक वंदिता और विद्यालय की नृत्य शिक्षिका प्रियंका शर्मा के निर्देशन में बच्चों ने शास्त्रीय नृत्य की बारिकियों को न केवल समझा बल्कि अभ्यास के माध्यम से आत्मसात भी किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राहुल चौधरी, मैनेजर छाया सिंह, चेयरमैन सूर्यवीर सिंह और उप प्रधानाचार्या आशु पंडित ने कार्यशाला में विद्यार्थियों की रुचि और सहभागिता को देखकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। प्रबंधन समिति ने रुचि बलूनी, वंदिता और प्रियंका शर्मा के उत्कृष्ट निर्देशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से विद्यालय में सांस्कृतिक चेतना और भारतीय परंपराओं के प्रति नई पीढ़ी में उत्साह उत्पन्न हो रहा है। कार्यशाला का यह दिन छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादाई रहा। जिसमें उन्होंने लय, ताल, भाव और शास्त्रीयता के समन्वय को अनुभव किया।
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