जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में नहीं थम रहा फर्जीवाड़े का सिलसिला
Siddhart-nagar News - बांसी, इटवा पर कार्रवाई के बाद संबद्ध बीईओ पर भी लटक रही तलवार समेत अलग-अलग मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ल

सिद्धार्थनगर, हिटी। पूरे विश्व को शांति, अहिंसा और करुणा का संदेश देने वाले भगवान गौतम बुद्ध की स्थली वाला यह जनपद बेसिक शिक्षा विभाग के कारनामों से आए दिन सुर्खियों में रहता है। मंगलवार को बीईओ इटवा के निलंबन की कार्रवाई के बाद कई पुराने मामले की याद को ताजा कर दी है। शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा और ऐसे अध्यापकों समेत अलग-अलग मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी इटवा महेंद्र प्रसाद को स्वयं पोर्टल पर अवकाश स्वीकृति कर उपस्थित पंजिका पर अनुपस्थिति दिखाकर अधीनस्थ का वेतन बाधित करना, सहायक अध्यापक सरिता मौर्या का बाल्य देखभाल अवकाश के लिए प्रस्तुत ऑनलाइन आवेदन पत्र को निरस्त करने, स्वेता साहू द्वारा प्रस्तुत बाल्य देखभाल अवकाश को कुटुंब रजिस्टर की नकल संलग्न न किए जाने के कारण अवकाश अस्वीकृत करना व नियमों के विपरीत जाकर कार्य करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। इससे पहले खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया था। उन पर 15 अक्टूबर को बीआरसी बांसी से बच्चों को निशुल्क मिलने वाली किताबों को अवैध रूप से कबाड़ी की दुकान पर बेचे जाने के मामले में संलिप्तता का आरोप लगा था। इसके साथ ही बर्डपुर बीईओ के खिलाफ शिक्षकों ने धनादोहन समेत अन्य आरोप लगाए थे। निदेशक, बेसिक शिक्षा की ओर से जांच के आदेश पर बुधवार को बीएसए कार्यालय में पक्ष और विपक्ष के रूप में शपथ पत्र देने वाले शिक्षकों का बंद कमरे में अलग-अलग बयान लेने की कार्रवाई पूरी की गई।
संबद्ध बीईओ पर लटक रही कार्रवाई की तलवार
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र जमा करने के लिए आठ जालसाजों ने जून 2024 में शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली थी। एक व्यक्ति ने शिकायत की तो नए सिरे से जांच हुई तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया था। इस प्रकरण में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी भनवापुर को बीएसए कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया और उनके निलंबन के लिए तत्कालीन बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय की ओर से दो बार पत्र भेजा जा चुका है। अभी तक निलंबन की कार्रवाई नहीं हो सकी है। विभागीय जानकारों के मुताबिक अटैच बीईओ पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
पांच वर्षों में पकड़े जा चुके हैं 130 फर्जी शिक्षक
जिले में पिछले पांच वर्षों में करीब 130 फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं और 314 शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान भी दो व्यक्तियों को पकड़ा गया था। इसके बाद भी फर्जीवाड़े पर निगरानी नहीं की गई। यहां तक कि विद्यालय आवंटित होने के दौरान भी एक व्यक्ति फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ पकड़ा गया था। उस पर भी बीएसए ने मुकदमा दर्ज करवा कर जेल भिजवा दिया था।
खंड शिक्षा अधिकारी बर्डपुर के खिलाफ हुई शिकायत पर निदेशक, बेसिक शिक्षा के निर्देशानुसार संबंधित शिक्षकों के बयान दर्ज किए गए हैं। जिसके आधार पर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जहां तक भनवापुर के तत्कालीन एवं बीएसए कार्यालय से अटैच बीईओ के निलंबन संबंधी पत्र भेजे जाने की जानकारी नहीं है। पत्रावली देखकर अग्रिम पहल की जाएगी।
- शैलेश कुमार, बीएसए
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