अभी भी 35 फीसदी बच्चों की नहीं बन पाई अपार आईडी
Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। राजकीय, परिषदीय और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक

सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। राजकीय, परिषदीय और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों की आधार की तर्ज पर अपार आईडी बनाई जा रही है। यह 12 अंकों का यूनिक कोड विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगा और ड्रॉप आउट छात्रों की संख्या को कम करने में सहायक होगा। जनपद के 3582 स्कूलों में कक्षा एक से 12 तक अध्ययनरत 532201 छात्र-छात्राओं का अपार कार्ड बनना है। नए शैक्षिक सत्र के शुरुआत हुए लगभग एक पखवारा बीत गया पर अभी भी 188972 यानी 35 फीसदी बच्चे अपार कार्ड बनने से वंचित हैं। कार्ड बनवाने में 320363 बच्चे सफल रहे। जिले में अपार आईडी के लक्ष्य पूर्ति में मदरसों और निजी विद्यालयों के जिम्मेदारों की लापरवाही रोड़ा बन रहा है।
एक नजर
समस्त विद्यालयों की स्थिति
स्कूल 3582
लक्ष्य 532201
जनरेट 340363
अवशेष 188972
आईडी बनाने में परिषदीय स्कूल अव्वल
अपार आईडी बनाने में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की ओर से लक्ष्य के सापेक्ष 95 फीसदी सफलता हासिल कर ली है। कुल 2262 स्कूलों में लक्ष्य के सापेक्ष बच्चों की आईडी जनरेट किया जा चुका है।
अपार आईडी डीजी लॉकर से भी जुड़ेगी। इससे विद्यार्थी सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड को एक स्थान पर रख सकेंगे। यह प्रणाली छात्रों के लिए एक स्थाई डिजिटल पहचान बनेगी। इसके साथ ही उनको विभिन्न योजनाओं का फायदा भी इस आईडी के जरिए ही मिलेगा। जहां तक लक्ष्य पूर्ति का सवाल है, इसको लेकर कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है। नए सत्र में अविलंब शत-प्रतिशत पूर्ण कराने के लिए संबंधित को निर्देशित किया गया है।
प्रकाश सिंह, डीआईओएस
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