बिना बाउंड्री वाले स्कूल में खतरे में बच्चे
Sitapur News - पैंतेपुर के प्राथमिक विद्यालय बांकरपुर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। विद्यालय की बाउंड्री न होने के कारण बच्चे खतरे में हैं। अधिकारियों की अनदेखी और ग्राम प्रधान की लापरवाही के चलते...

पैंतेपुर, संवाददाता। शिक्षा विभाग बच्चों की सुरक्षा को लेकर लाख दावे करे, मगर इनकी हकीकत विकास खंड महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय बांकरपुर का विद्यालय बयां कर रहा है। जहां सुरक्षा में सबसे अहम विद्यालय की बाउंड्री ही नहीं है। ऐसा नहीं कि अफसरों को इसका पता नहीं है। बाउंड्री न होने के चलते बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ लगातार चल रहा है। विकासखंड महमूदाबाद क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। बेपरवाही का आलम यह है कि खेतों और सड़क के किनारे स्थित स्कूल की अब तक बाउंड्री भी नहीं कराई गई है। बड़ा सवाल यह है कि स्कूल की छुट्टी या मध्यावकाश के समय बाउंड्री विहीन विद्यालय में खेलते-खेलते बच्चे की सुरक्षा अगर खतरे में पड़ जाय तो जिम्मेदार कौन होगा। विकासखंड महमूदाबाद के ग्राम पंचायत बांकरपुर के प्राथमिक विद्यालय केसरवारा में बाउंड्री न होने से हर वक्त बच्चों के सिर पर खतरा मंडराता रहता है। यह बांकरपुर विद्यालय के मुख्य मार्ग के किनारे बना हैं,जिससे जीव जंतुओं के आने का खतरा बना रहता है। बाउंड्री न होने से शिक्षक भी परेशान हैं। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों से होती है। दिनभर स्कूल में इनका आना जाना रहता है। कई बार बच्चों और शिक्षकों पर हमला भी कर देते हैं। स्कूल में गंदगी अलग करते हैं। अभिभावकों ने भी इस पर नाराजगी जताई है। कॉलेज की प्रधानाध्यापक सरस्वती देवी ने बताया कि कई बार ने डीएम समेत अन्य उच्चाधिकारियों से मामले को संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है। जिससे कि विद्यालय की बाउंड्री बन जाए और सुरक्षा बढ़ जाए। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न तो ग्राम प्रधान सुनवाई करते हैं। कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत की गई है लेकिन वह भी विद्यालय की बाउंड्री नहीं बनवा रहे है।
विद्यालय में तैनात हैं सिर्फ दो महिला शिक्षक
इस प्राथमिक विद्यालय में सिर्फ दो महिला शिक्षकों की तैनाती है और विद्यालय में बाउंड्री ना होने की वजह से सुरक्षा में काफी असुविधा महसूस होती है। क्योंकि कभी कोई छुट्टा मवेशी तथा जंगली जीव जंतु भी इस विद्यालय में पहुंच जाते हैं, जिससे शिक्षकों और बच्चों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। शिक्षिकाओं का कहना है कि केवल महिला शिक्षक होने के चलते जहां बाउंड्री वॉल की अत्यधिक आवश्यकता है। मध्यावकाश में जब बच्चे मध्याह्न भोजन खाने के बाद खेलने जाते हैं तो चिंता और भी बढ़ जाती है। शिक्षक और अभिभावक दोनों ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं।
सीमा विवाद में फंसा काम
ग्राम प्रधान अशोक कुमार ने बताया बाकरपुर प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री वॉल में सीमा विवाद है। क्योंकि यह मुबारकपुर और बाकरपुर 2 ग्राम पंचायत के मध्य में आती है। इसलिए इसकी सीमा भी निश्चित नहीं है। हमारे अभी पिछले कामों के भुगतान नहीं हुए हैं, जिससे कोई फर्म समान देने से मना कर रही है। इसलिए प्राथमिक विद्यालय बांकरपुर की बाउंड्री वॉल नहीं बनवाए जा सकी है।
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