अंबिकापुर से रेणुकूट रेल लाइन की फाइल डेढ़ वर्ष से लंबित
Sonbhadra News - छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को विंढमगंज और रेणुकूट रेलवे स्टेशनों से जोड़ने के लिए रेलवे मंत्रालय ने सर्वे कराया था। लेकिन रिपोर्ट पिछले डेढ़ वर्ष से मंत्रालय के पास लंबित है। अंबिकापुर के लोग लंबे समय से रेल...
विंढमगंज, हिन्दुस्तान संवाद। जिले के दो रेलवे स्टेशन विंढमगंज और रेणुकूट को छत्तीसगढ़ से अंबिकापुर से जोड़ने के लिए रेलवे मंत्रालय ने दोनों स्टेशनों से सर्वे कराया था। लेकिन पिछले डेढ वर्ष से यह रिपोर्ट मंत्रालय के पास लंबित पड़ी हुई है। रेलवे मंत्रालय इन रिपोर्ट पर कोई भी निर्णय अभी तक नहीं ली है। जिससे लोगों में नाराजगी है। छत्तीसगढ़ के लोगों की कई दशकों से यह मांग थी कि अंबिकापुर को धनबाद मंडल के बरवाडीह चोपन रेल मार्ग से जोड़ा जाए। जनता के मांग पर रेलवे मंत्रालय ने जिले के दो रेलवे स्टेशन विंढमगंज और रेणुकूट सर्वे भी कराया। रेणुकूट रेलवे स्टेशन से अंबिकापुर को जोड़ने के लिए रेल लाइन बिछाने के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे रिपोर्ट के अलावा डीपीआर भी अक्टूबर 2023 में ही बनकर तैयार हो गई। फाइल रेलवे मंत्रालय में भी जमा हो गया। इसके अलावा सोनभद्र जिले के विंढमगंज रेलवे स्टेशन से भी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए जयपुर के एक निजी एजेंसी के द्वारा सर्वे जनवरी 2024 में कराया गया था। सर्वे एजेंसी की तरफ से बाकायदा भूमि को चिन्हित कर पिलर भी गढ़ दिया था। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी इस पर कुछ नहीं हो सका। रेलवे का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है। पूर्व मध्य रेलवे धनबाद मंडल के बरवाडीह चोपन रेल मार्ग से दक्षिण मध्य रेलवे बिलासपुर के अंबिकापुर छत्तीसगढ़ रेलवे स्टेशन को जोड़ने की मांग कई दशकों से अंबिकापुर के लोग करते आ रहे हैं। अंबिकापुर के लोग अंबिकापुर को रेणुकूट और विंढमगंज दोनों में से किसी एक से जोड़ने की वकालत हमेशा करते आए हुए हैं।
रेल मंत्रालय की तरफ से अंबिकापुर को धनबाद मंडल के बरवाडीह चोपन रेलखंड को जोड़ने के लिए बरवाडीह, विंढमगंज, रेणुकूट से जोड़ने के लिए जो सर्वे कराया गया है, उसमें सबसे कम दूरी विंढमगंज रेलवे स्टेशन का है। रेलवे लाइन के बन जाने से अंबिकापुर से विंढमगंज की दूरी कम हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के बीच प्रस्तावित रेल सेवा से खनिज पदार्थों के परिवहन में भी सहूलियत होगी। चार राज्यों की सीमा से सटे सोनभद्र से मप्र और झारखंड के लिए रेल सेवा संचालित है। इस रूट से कई यात्री ट्रेनों का संचालन होता है। कोयला सहित अन्य खनिज पदार्थों की ढुलाई भी इस रेल मार्ग से होती है। छत्तीसगढ़ से आवागमन के लिए सिर्फ सड़क मार्ग ही उपलब्ध है। रोजाना सैकड़ों ट्रकों और यात्री वाहनों का सोनभद्र में आवागमन होता है।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को वृहद रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए यूपी के रेणुकूट, विंढमगंज और झारखंड के बरवाडीह से प्रस्तावित है। तीनों प्रस्तावित रेल लाइन में से दो रेणुकूट और बरवाडीह का डीपीआर और फाइनल लोकेशन सर्वे रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। लेकिन अभी रेलवे मंत्रालय इस बारे में कोई भी निर्णय नहीं ले पाया है।
- मुकेश तिवारी, दक्षिण पूर्व मध्य, रेलवे के क्षेत्रीय रेल परामर्श समिति सदस्य।
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