Drought in Amrit Sarovars of Baldi Ray Water Crisis for Animals and Birds सुलतानपुर-सूखे पड़े ग्रामीण इलाके के तालाब ,पानी को तरस रहे पशु-पक्षी, Sultanpur Hindi News - Hindustan
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सुलतानपुर-सूखे पड़े ग्रामीण इलाके के तालाब ,पानी को तरस रहे पशु-पक्षी

Sultanpur News - बल्दीराय ब्लॉक के कई गांवों में अमृत सरोवर सूखे पड़े हैं, जिससे पशु पक्षियों के लिए पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। मनरेगा के तहत तालाबों की खुदाई के बावजूद पानी नहीं भर रहा है। जंगली जानवर भी आबादी...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरTue, 20 May 2025 06:16 PM
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सुलतानपुर-सूखे पड़े ग्रामीण इलाके के तालाब ,पानी को तरस रहे पशु-पक्षी

बल्दीराय, संवादादाता। बल्दीराय ब्लॉक के कई गांवों में अमृत सरोवर सूखे पड़े हैं। जबकि सरकार ने गांवों में तालाबों का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए मनरेगा के तहत कार्य कराने की योजना संचालित की थी। सौंदर्यीकरण के नाम पर काफी धनराशि मुहैया कराई गई। इसी के तहत हर गांवों में तालाबों की खुदाई कराई गई थी। पानी के अभाव में पशु पक्षियों बेसहारा मवेशियों के लिए पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है। गर्मी में अधिकांश तालाब सूखे पड़ें हैं। ब्लॉक बल्दीराय में 33 अमृत सरोवर है। 12 अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है। अमृत सरोवर को भरवाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

ऐसे में एक ओर जहां पशु,पक्षियों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है तो दूसरी ओर प्यास बुझाने के लिए बेसहारा गोवंशीय पशु को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। पशु पालकों को भी अपने पालतू मवेशियों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। इनको भरवाने के लिए नहर और ग्राम सभा की निजी संसाधन है। जिम्मेदार द्वारा सूखे पड़े तालाब व पोखरों में पानी भरवाने के लिए कोई दिशा निर्देश नही जारी किया गया है, जिससे पानी पर निर्भर पशु,पक्षियों को राहत मिल सके। सिर्फ तालाबों के खुदाई और सौंदर्यी करण के नाम पर मनरेगा का सिर्फ पैसा खर्च हो रहा है| आबादी की तरफ पहुंच रहे जंगली जानवर : तालाबों व छोटी नदी व नालों में पानी न होने से पशु-पक्षी बेहाल हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते प्यास बुझाने के लिए जंगली जानवर वनरोज, सियार, निराश्रित पशु पक्षियों समेत अन्य वन्य जीव पानी की तलाश में आबादी की तरफ रुख कर रहे हैं। पानी की तलाश में गांव के किनारे नालियों के गड्ढों मत्स्य पालन करने वाले तालाबों व सरकारी नलकूपों पर पहुंचकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। सरोवर में पानी भरने के लिए अधिकतर सरोवरों के किनारे पंप भी स्थापित किए गए हैं लेकिन सरोवर सूखे पड़े हुए हैं। एक अमृत सरोवर के निर्माण में लगभग 10 से 20 लाख खर्च किए गए हैं लेकिन ये सरोवर अपने मकसद में खरे नहीं उतर रहे हैं। अधिकतर जलाशय झाड़ियो व जलकुंभी से पटे हुए हैं। वर्तमान में इस अमृत सरोवर में धूल उड़ रही है। सरोवर की तलहटी में बच्चे शाम को क्रिकेट खेलते हैं। इनसेट सूखी नहरें भी बढ़ा रही मुश्किलें बल्दीराय। शारदा सहायक नहर में निकली माइनरों में पानी न होने से जहां किसानों को सिंचाई संकट से जूझना पड़ रहा है वहीं पशु पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है। पानी आने से समीप के तालाब पोखरों में पानी भर दिया जाता, लेकिन यहां तो नहरों में भी धूल उड़ रही हैं। इस बाबत बीडीओ बल्दीराय राधेश्याम ने बताया कि सरोवर में पानी जल्द भरवाया जाएगा।

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