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मां और बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकता है प्रीक्लैम्प्सिया

Unnao News - प्रीक्लैम्प्सिया गर्भावस्था के दौरान एक गंभीर बीमारी है, जो 20वें सप्ताह के बाद होती है। इसके लक्षणों में उच्च रक्तचाप, पेशाब में प्रोटीन, सूजन, सिरदर्द और धुंधली दृष्टि शामिल हैं। हर साल 22 मई को...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावWed, 21 May 2025 06:52 PM
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मां और बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकता है प्रीक्लैम्प्सिया

उन्नाव, संवाददाता। प्रीक्लैम्प्सिया या टॉक्सीमिया गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह आमतौर पर गर्भवास्था के 20वें सप्ताह के बाद विकसित होती है। इस दौरान महिला को कई सारे शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था में महिलाएं अक्सर डायबिटीज, बीपी, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का शिकार होती हैं। ऐसे में लोगों को प्रीक्लैम्प्सिया की जटिलताओं और बचाव के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 22 मई को प्रीक्लैम्प्सिया दिवस मनाया जाता है। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 100 से 150 गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए पहुंचती हैं। इनमें करीब पांच फीसदी महिलाएं प्रीक्लैम्प्सिया से पीड़ित होती हैं।

इन महिलाओं में उच्च रक्तचाप, पेशाब में प्रोटीन, सूजन, सिरदर्द और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण होते हैं। कई मामलों में गर्भवती महिला के रक्तचाप का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, जो गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। स्त्री व प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. वत्सला परिहार ने बताया कि प्रीक्लैम्प्सिया होने का कारण स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इसमें आनुवांशिकता व प्लेसेंटा से संबंधित कारक महत्पवूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रीक्लैम्प्सिया से पीड़ित महिलाओं में उच्च रक्तचाप के चलते हृदय व शरीर के अन्य अंगों पर दबाव बढ़ जाता है। साथ ही, प्लसेंटा को रक्त की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। प्लसेंटा एक अंग है जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में बनता है और शिशु को ऑक्सीजन व पोषक तत्व प्रदान करता है। प्लेसेंटा में रक्त की आपूर्ति न होने से गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, नियमित रूप से रक्तचाप की जांच, पौष्टिक आहार लेने व स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है। लक्षण गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप का बढ़ना, जो पहले सामान्य था। मूत्र में प्रोटीन का उच्च स्तर, जो गुर्दे के कार्य में समस्या का संकेत हो सकता है। हाथों, पैरों, चेहरे पर सूजन, सिरदर्द और धुंधली दृष्टि। गंभीर मामलों में, सिरदर्द, धुंधली दृष्टि और पेट में दर्द हो सकता है।

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