पहलगाम हमले के खिलाफ अलीगढ़ में अभूतपूर्व बंदी, मुस्लिम इलाकों में रेहड़ियां भी नहीं दिखीं
पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ सोमवार को अलीगढ़ में अभूतपूर्व बंदी दिखाई दी। स्कूल-कॉलेज और बाजार सभी बंद रहे। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रेहड़ी पटरी वालों ने भी नहीं दिखाई दिए।

पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में सोमवार को संयुक्त व्यापार मंडल के आह्वान पर अलीगढ़ पूरी तरह बंद रहा। शहर में जहां व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान और फैक्ट्रियां बंद रखीं। वहीं स्कूल और कॉलेज भी नहीं खुले। बिना किसी जबरदस्ती व दबाव के व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। नए से लेकर पुराने शहर तक बंद सफल दिखाई दिया। पहली बार ऐसा देखने को मिला कि रेहड़ी पटरी वालों ने भी बंद का पूरा समर्थन किया। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में एक भी दुकान नहीं खुली। तांगा स्टैंड पर एकत्रित व्यापारियों ने केंद्र से पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि बंद के दौरान चिकित्सा, परिवहन, ट्रांसपोर्ट, पेट्रोल पंप समेत अन्य आवश्यक सेवाओं पर असर नहीं पड़ा। बाजार में सुरक्षा को लेकर पुलिस बल तैनात रहा।
सोमवार की सुबह से बाजार में बंद का असर दिखाई दिया जो शाम तक जारी रहा। बड़े शोरूम से लेकर छोटे व्यापारियों तक ने दुकान के ताले नहीं खोले। दोपहर तीन बजे के बाद कुछ दुकानें खुली। केवल बाजार ही नहीं बल्कि गली मोहल्ले व छोटे बाजारों में भी बंदी का असर दिखाई दिया। बाजार के साथ कोचिंग सेंटर संचालक, स्कूल संचालक, कोल्ड स्टोरेज, अनाज मंडी समेत सभी सेक्टरों ने बंदी की। शहर की मिश्रित आबादी में संचालित औद्योगिक इकाइयां भी बंद रहीं। केवल तालानगरी की कुछ औद्योगिक इकाइयां खुली रहीं।
तांगा स्टैंड पर एकत्रित व्यापारियों ने आतंकवाद व पाकिस्तान का विरोध किया। शहर में कई जगह शांति मार्च निकाले गए। रसलगंज व तांगा स्टैंड पर व्यापारियों ने पाकिस्तान का पुतला फूंका। फफाला मार्केट की दुकानों के खुलने को लेकर व्यपारियों में नोकझोंक भी हुई। फफाला मार्केट एक दिन पहले बंद था, जिसको लेकर सोमवार को दुकानें खोल ली गई थीं। लेकिन बाद में बंद कर गई। मंगलवार को फफाला थोक दवा बाजार खुलेगा।
सराफा बाजार में बंदी का पूर्ण असर: अलीगढ़ सराफा कमेटी ने बंद का आह्वान किया था। बंद का पूरा असर दिखाई दिया। सेंटर प्वाइंट व समद रोड पर कुछ ब्रांडेड ज्वैलरी के शोरूम खुले रहे, लेकिन स्थानीय सराफा कारोबारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखकर आतंकवाद का विरोध किया। अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने बताया कि बंद पूरी तरह से सफल रहा।
किराना मंडी व थोक दवा बाजार बंद: किराना मंडी महावीर गंज, कनवरीगंज, छिपेटी समेत अन्य थोक खाद्यान्न के बाजार में दुकानों के ताले नहीं खुले। दुकानों के सामने माल का स्टॉक लगा रहा। महावीर गंज किराना मंडी के व्यापारी विशाल भगत, राजा सहपऊ, दुर्वेश वाष्र्णेय ने बताया कि मंडी में कोई भी दुकान नहीं खुली।
मुस्लिम इलाकों में भी नहीं खुले बाजार: मुस्लिम बाहुल्य ऊपर कोट, रसलगंज, अमीरनिशा, मेडिकल रोड, दोदपुर समेत अन्य मार्केट बंद रहे। मिश्रित आबादी जयगंज समेत अन्य मुस्लिम बाहुल्य बाजार भी बंद रहे। दवा की दुकानों को छोड़ककर शेष पर ताले लगे रहे। दुकानदार अपने प्रतिष्ठान के बाहर बैठे रहे लेकिन किसी ने शटर नहीं उठाया।
रेहड़ी पटरी वालों विरोध में नहीं लगाई दुकानें: पहली बार ऐसा हुआ कि रेहड़ी पटरी वाले भी बंद में शामिल हुए। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में एक भी रेहड़ी पटरी नहीं लगाई। बारहद्वारी पूरी खाली रही, देहली गेट, खैर रोड, सराय हकीम, रलगंज, जीटी रोड सारसौल, नौरंगाबाद, रेलवे रोड, रामघाट रोड गांधी आई के सामने रेहड़ी पटरी नहीं लगी।
इन संगठनों ने बंद का किया था समर्थन
अलीगढ़ व्यापारी संघर्ष समिति, ब्रज औद्योगिक व्यापार मंडल, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उप्र, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, उद्योग व्यापार मंडल, अलीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल, सासनी गेट औद्योगिक वेलफेयर एसोसिएशन, उद्योग युवा व्यापार मंडल रेडियो मार्केट, होटेल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन, स्कूल संचालक एसोसिएशन समेत अन्य का समर्थन मिला।