3 कायस्थ तो 2 भूमिहार, यादव 1; यूपी भाजपा के 70 जिलाध्यक्षों में किस जाति को कितना मिला?
- यूपी बीजेपी के 70 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों में तीन कायस्थ और दो भूमिहार नेता को भी जगह मिली है। 39 सवर्ण, 25 ओबीसी और 6 दलित को अध्यक्ष बनाया गया है जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से दो साल पहले पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के मकसद से भारतीय जनता पार्टी ने यूपी के 98 सांगठनिक जिलों में से 70 में नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। पार्टी ने 28 सांगठनिक जिलों के अध्यक्ष की घोषणा अभी रोक ली है। जिन 70 जिला और महानगर अध्यक्ष की घोषणा हुई है, उसमें 39 सवर्ण, 25 ओबीसी और 6 दलित शामिल हैं। इनमें 5 महिलाएं भी हैं। सवर्णों में सबसे ज्यादा 19 ब्राह्मण नेताओं को मौका मिला तो 10 राजपूत भी अध्यक्ष बनाए गए हैं। 3 कायस्थ, 2 भूमिहार, 4 वैश्य और 1 पंजाबी को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
खास बात ये है कि इन 70 जिलाध्यक्षों में 44 पहली बार अध्यक्ष बने हैं जबकि 26 को दूसरा मौका मिला है। जिलाध्यक्षों की घोषणा पूरी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, जिस पद पर इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले भूपेंद्र चौधरी विराजमान हैं। यूपी में सांगठनिक चुनाव के प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा था कि चयन प्रक्रिया में जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया है। आने वाले चुनावों में अपने-अपने जिलों में भाजपा का नेतृत्व यही लोग करेंगे।
2027 से पहले यूपी भाजपा में बड़ा बदलाव, जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा, किसे कहां मिली जिम्मेदारी?
भाजपा के नए जिलाध्यक्षों में 25 ओबीसी जातियों के नेता हैं। इनमें 5 कुर्मी, 2 मौर्य, चार पिछड़ा वैश्य, 2 लोध के अलावा यादव, बढ़ई, कश्यप, कुशवाहा, पाल, राजभर, रस्तोगी, सैनी और वैश्य समुदाय के भी 1-1 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। दलितों से 6 नेताओं को जगह मिली है जिनमें पासी जाति से 3 जबकि धोबी, कठेरिया और कोरी जाति से 1-1 अध्यक्ष बनाए गए हैं। सबकी नजर अब बचे हुए 28 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा पर है जिसके बाद फोकस प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर शिफ्ट होगा।