अब तक मिली जानकारी के अनुसार भाजपा किसी पिछड़े लीडर को अध्यक्ष बना सकती है। अब तक अध्यक्ष रहे भूपेंद्र सिंह जाट बिरादरी से आते हैं। अब किसी नए ओबीसी नेता को मौका दिया जा सकता है। इन नेताओं में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह का नाम भी चल रहा है।
भाजपा के स्थापना दिवस रविवार को प्रदेश मुख्यालय और जिले-जिले में मनाया गया। प्रदेश भाजपा कार्यालय पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने पार्टी का झंडा फहराया।
भाजपा जिला संगठन में बदलाव करते हुए नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है। अब लोगों की नजर नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी पर टिकी है। भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के नए अध्यक्ष का चुनाव होना है।
यूपी बीजेपी के 70 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों में तीन कायस्थ और दो भूमिहार नेता को भी जगह मिली है। 39 सवर्ण, 25 ओबीसी और 6 दलित को अध्यक्ष बनाया गया है जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं।
मुरादाबाद मंडल में तीन जिलाध्यक्ष रिपीट हुए हैं। दो नए चेहरे हैं जो पहली बार अध्यक्ष बने हैं। वहीं, अमरोहा जिले में अध्यक्ष के ऐलान को होल्ड कर दिया गया है। अध्यक्षों के नाम के ऐलान में जातिगत समीकरणों का ख्याल रखा गया है।
तकरीबन तीन महीने की लंबी मशक्कत के बाद रविवार को प्रदेश भाजपा ने अपने 98 सांगठनिक जिलों से 70 से अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी है। 28 जिलों में खींचतान की वजह से अध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं हो सकी है।
करीब तीन महीने के इंतजार के बाद रविवार को भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा हो गई। पश्चिम क्षेत्र में घोषित आठ जिलाध्यक्षों में से सिर्फ तीन लोग ही अपनी सीट बचा पाए हैं बाकी पांच नए चेहरों पर पार्टी ने दांव लगाया है।
यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रदेश के संगठन में बड़ा बदलाव किया है। भाजपा ने कई जिलों के जिलाध्यक्षों को बदल दिया है जबकि कुछ जगहों पर पुराने जिलाध्यक्षों को ही मौका दिया है।
रविवार दोपहर बीजेपी ने अपने नए जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों के नामों की घोषणा की। कई जिलों के जिलाध्यक्ष बदल दिए गए हैं जबकि कुछ जगहों पर पुराने ही जिलाध्यक्षों को मौका दिया गया है। उधर, फर्रुखाबाद में एक तेज रफ्तार वाली बेकाबू कार के पलटने से दो युवकों की मौत हो गयी।
भारतीय जनता पार्टी में अब सबकी निगाहें यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं। सबसे सलाह लेने की रस्म अदायगी भी हो चुकी है। अब नये अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी का सिलसिला तेज है। दौड़ में बड़े-बड़े चेहरे हैं।