51 रुपये का लालच देकर पाक के ठगों ने चुराए व्हाट्सऐप, यूपी के लोगों को ऐसे बनाया शिकार
फेसबुक चलाते समय आपको एक एप को स्कैन करने पर 51 रुपये मिल जाएं। फिर प्रत्येक रेफरल पर पांच रुपये मिलें तो शायद शायद ही कुछ गलत लगेगा। लेकिन, ऐसा हो तो थोड़ा संभल जाएं। ये आपके वाट्सएप को चुराने का नया तरीका है।

फेसबुक चलाते समय आपको एक एप को स्कैन करने पर 51 रुपये मिल जाएं। फिर प्रत्येक रेफरल पर पांच रुपये मिलें तो शायद शायद ही कुछ गलत लगेगा। लेकिन, ऐसा हो तो थोड़ा संभल जाएं। ये आपके वाट्सएप को चुराने का नया तरीका है। पिछले साल दर्ज हुए एक ठगी के मुकदमे में पुलिस की जांच में यही सामने आया। पाकिस्तान में बैठे शातिरों ने अमरोहा व संभल के दर्जनों लोगों को इसी लालच में लेकर उनका वाट्सएप 24 घंटे के लिए चुरा लिया। फिर उससे वाट्सएप कालिंग करके ठगी की।
अलीगढ़ के देवसैनी रोड निवासी अर्पित माहेश्वरी के साथ पिछले साल ठगी हुई थी। 19 दिसंबर 2024 को उनके वाट्सएप पर अज्ञात नंबर से मैसेज आया। घर बैठे कमाई का लालच दिया और दो मिनट के टास्क के 150 रुपये मिलेंगे। एक ग्रुप ज्वाइन कराया। कुछ बार में रुपये मिल भी गए। बाद में टास्क के नाम पर कई बार में एक लाख 28 हजार रुपये ठग लिए।
मुकदमे की विवेचना के दौरान खुला खेल
साइबर क्राइम थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार के अनुसार एक मुकदमे की विवेचना में सामने आया कि वाट्सएप को ठगी में प्रयोग करने की क्या माडस-आपरेंडी है। अमरोहा व संभल के कई लोग लालच व खेल-खेल में शातिरों के झांसे में आए। इसके चलते ठगों ने 24 घंटे के लिए उनके वाट्सएप का प्रयोग किया। उन्हीं नंबरों से कालिंग की। तथ्यों को एकत्रित करते हुए शातिरों पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
इस्लामाबाद में यूज हो रही थी आईएसपी
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की तो उसकी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पाई गई। इसके बाद पुलिस ने वाट्सएप नंबरों को खंगाला, जो अमरोहा व संभल के पाए गए। एक टीम वहां भेजी गई। वाट्सएप चलाने वालों से पूछा गया कि उनका वाट्सएप पाकिस्तान में कैसे एक्टिव हुआ।
पॉपअप के माध्यम से बनाया अपना शिकार
उन्होंने बताया कि फेसबुक पर अर्न मनी विद वाट्सएप का एक पाप-अप आया था। वहां क्लिक किया तो आटोमैटिक इनकम ईजी एंड फ्री स्कैन क्यू आर कोड लिखा था। उस पर आईडी बनाई। साथ ही यूपीआई को जोड़ दिया। ईजी मनी इसके बदले में 51 रुपये मिल गए। इसके बाद प्रत्येक रेफरल पर पांच रुपये मिलते थे। इस तरह दिनभर में 100-150 रुपये की कमाई हो जाती थी। उसने अन्य लोगों को भी जोड़ लिया। इसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई।