श्रीराम की बालरूप पर भावी कलाकार निहाल
Varanasi News - वाराणसी में काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में तीन दिवसीय कला मेला चल रहा है। दूसरे दिन भगवान राम की बालरूप मूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी। कवि सम्मेलन में कई वरिष्ठ कवियों ने हास्य-व्यंग्य रचनाएँ...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में चल रहे तीन दिवसीय कला मेला के दूसरे दिन भगवान राम की बालरूप मूर्ति आकर्षण का केंद्र रही। सोमवार को कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। वरिष्ठ कलाकारों और अतिथियों ने पूर्व छात्रा अंकिता वर्मा के काव्य संग्रह ‘आत्ममंथन का विमोचन किया।
कला प्रदर्शनी में धार्मिक, सामाजिक साधु, महिला उत्पीड़न, फोटोग्राफी एवं अन्य विषयों पर चित्र प्रदर्शित किए गए। कला मेला में 14 स्टाल लगाए गए। इन पर विभाग के अलावा महादेव पीजी कॉलेज बरियासनपुर, गंगापुर परिसर के छात्र-छात्राओं के चित्र भी प्रदर्शित किए गए हैं। छात्र-छात्राओं ने इसरो, भारत माता, प्रभु श्रीराम की यात्रा, जंगल की कला, नाथद्वारा शैली में श्रीनाथजी, गिलहरी, टिशू पेपर से ड्रेस की झांकियां प्रदर्शित की। दूसरे दिन भगवान रामचंद्र की बाल स्वरूप मूर्ति पर पुष्प अर्पित करने के लिए युवा कतार लगाए रहे।
कला मेला में कवि सम्मेलन भी हुआ। कवि सर्वेश मिर्जापुरी, राज बनारसी, पंकज कुमार, अंबुज मिश्रा, डंडा बनारसी, सचिन मिश्रा, विभा सिंह ने हास्य-व्यंग्य रचनाओं से खूब गुदगुदाया। मुख्य अतिथि प्रो. एस. प्रणाम सिंह, विशिष्ट अतिथि मानविकी संकाय प्रमुख प्रो. अनुराग कुमार रहे। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, स्नेहलता कुशवाहा, शालिनी कश्यप, प्रवीण प्रकाश हिमांशु, अक्षत सिंह, जय गुप्ता आदि रहे।
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