Woman sub inspector caught in bribery dismissed first jailed for 20 thousand rupees now fired from job too रिश्वत में फंसी महिला दारोगा बर्खास्त, 20 हजार के चक्कर में पहले जेल, अब नौकरी से भी निकाला गया, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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रिश्वत में फंसी महिला दारोगा बर्खास्त, 20 हजार के चक्कर में पहले जेल, अब नौकरी से भी निकाला गया

पति-पत्नी के झगड़ में केस की धाराएं कम करने के लिए 20 हजार की रिश्वत मांगना मेरठ की महिला दारोगा को बहुत भारी पड़ गया है। पहले जेल भेजी गई और अब नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया है।

Yogesh Yadav मेरठ भाषाMon, 5 May 2025 04:43 PM
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रिश्वत में फंसी महिला दारोगा बर्खास्त, 20 हजार के चक्कर में पहले जेल, अब नौकरी से भी निकाला गया

मेरठ में रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला दारोगा अब पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दी गई है। 20 हजार रिश्वत लेने के चक्कर में दारोगा को पहले जेल की हवा खानी पड़ी और अब नौकरी से भी निकाल दिया गया है। मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) कलानिधि नैथानी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक्शन लिया है।

पुलिस के मुताबिक 2017 में मेरठ के थाना कोतवाली मेरठ में तैनाती के दौरान महिला दारोगा अमृता यादव पर एक अभियोग में गंभीर धाराएं हटाने के एवज में 20,000 रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था। भ्रष्टाचार निवारण एजेंसी की टीम ने उन्हें बुढाना गेट पुलिस चौकी से रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसकी रिपोर्ट थाना कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज कई गई थी।

जांच के बाद मामला अदालत में भेजा गया। वहां विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), मेरठ ने पांच सितंबर 2024 को महिला दारोगा को दोषी ठहराते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 75000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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डीआईजी नैथानी के अनुसार प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए संबंधित नियमों के तहत अमृता यादव को चार मई 2025 से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस जैसे अनुशासित बल में इस प्रकार का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दोष सिद्ध होने की स्थिति में संबंधित कर्मियों को सेवा से हटाना अनिवार्य है। डीआईजी ने भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण और त्वरित सजा दिलाने के निर्देश भी सभी जिला प्रभारियों को दिए हैं।

पति-पत्नी का झगड़ा, ऐसे एंटी कप्शन टीम के जाल में फंसी

पति-पत्नी के झगड़े में दर्ज केस में महिला दारोगा ने रिश्वत मांगी थी। इसी के बाद एंटी करप्शन टीम ने घेरेबंदी की और रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले समीर की शादी मेरठ की मजहर से हुई थी। शादी के बाद नाराज उसकी पत्नी मायके चली गई और उसके खिलाफ मेरठ के कोतवाली थाने में कोर्ट के जरिए दहेज़ उत्पीड़न, रेप, सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कोतवाली थाने में तैनात महिला दरोगा अमृता यादव जांच अधिकारी नियुक्त की गई थीं।

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महिला दरोगा ने समीर को फोनकर बुलाया और मुकदमे में लिखी गयी धाराओं में दो धाराएं कम करने के नाम पर एक लाख रूपये की मांग की थी। महिला दरोगा ने समीर से कहा कि 20 हजार लेकर आ जाओ, धाराएं कम कर दूंगी।

समीर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी। एंटी करप्शन टीम ने महिला दारोगा को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। समीर के साथ दो लोगों को 2 हजार रुपए के 10 नोटों के साथ महिला दरोगा को भिजवाए। बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी पर महिला दारोगा ने जैसे ही 20 हजार रुपए की रिश्वत ली, एंटी करप्शन की टीम ने दबोच लिया।