222 अपराधी ढेर, 8118 घायल...CM योगी ने बताया कैसे 8 साल में अपराधियों पर कसी नकेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले आठ साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। जिसके उनकी सरकार आने के बाद 222 बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। जबकि 8118 बदमाश घायल हुए। इस अवधि में पुलिस ने 930 अपराधियों और 79984 बदमाशों पर गैगस्टर भी लगा है।

भाजपा की प्रदेश सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में गुंडराज को खत्म कर दिया है। कानून-व्यवस्था को लेकर इस सरकार ने अब तक के सबसे बड़े व सख्त कदम उठाए जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। महिला, बच्चों व बुजुर्गो की सुरक्षा हो चाहे हर जिले में माफिया का राज की समस्या हो सभी दिशा में प्रदेश सरकार ने कड़ी कार्रवाई कर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जनता का भरोसा जीता है। न केवल नकल विरोधी कानून बनाया बल्कि धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाकर शिकंजा कसा।
आठ साल के आंकड़े भी गवाह है कि किस तरह से समाज को भयमुक्त करने के लिए यूपी पुलिस ने बड़ी-बड़ी कार्रवाई की। इस अवधि में यूपी पुलिस ने 222 बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर किया और 8118 बदमाश घायल हुए। इस अवधि में पुलिस ने 930 अपराधियों और 79984 बदमाशों पर गैंगस्टर लगाया गया। साथ ही बदमाशों की आर्थिक स्थिति पर वार करने के लिए 142 अरब की सम्पत्ति जब्त की गई। यह सम्पत्ति अपराध के जरिए अर्जित की गई थी। इतना ही नहीं नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए 126 नये थाने, 86 नई चौकियां, चार जल पुलिस चौकी, 78 महिला पुलिस चौकी परामर्श केन्द्र, 75 विद्युत निरोधक पुलिस थाना, 10 सतर्कता अधिष्ठान थाना, चार आर्थिक अपराध इकाई थाने, छह यूपीएसएसएफ की स्थापना, 75 साइबर क्राइम थाना व छह नये नॉरकोटिक्स थाने की स्थापना की गई।
माफिया राज से छुटकारा दिलाया गया
योगी सरकार ने नागरिकों के मन से माफिया का डर खत्म किया। माफिया के खिलाफ अब तक ऐसी कार्रवाई नहीं हुई जैसी इन आठ साल में की गई। कई बड़े अपराधियों ने तो दहशत में पुराने मामलों में अपनी जमानत निरस्त करा ली और जेल चले गए। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 से दिसम्बर 2024 तक चिन्हित 68 अपराधियों के लम्बित मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 73 मामलों में 31 माफिया और उनके गिरोह के 74 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई। इनमें दो अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। यूपी के 68 चिन्हित माफिया और गिरोह के 1408 सदस्यों के खिलाफ 795 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें 617 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हत्या-लूट व डकैती में कमी आई
आंकड़ों के मुताबिक-वर्ष 2016 की तुलना में अपराधों में हर साल कमी आई। डकैती में 84.41 प्रतिशत, लूट में 77.43 प्रतिशत, हत्या में 41.01 प्रतिशत, बलवा की घटनाओं में 66.40 प्रतिशत, फिरौती के लिये अपहरण की घटनाओं में 54.72 प्रतिशत, दहेज हत्या में 17.08 प्रतिशत एवं रेप में 26.15 प्रतिशत की कमी आयी है।
359 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक 359 अपराधियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए। ये लोग नागरिकों में दहशत फैलाने के लिए इन असलहों का इस्तेमाल करते थे। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ सख्ती की गई। अब तक 27,425 अभियोगों, पॉक्सो अधिनियम के 11,254 अभियोगों और दहेज हत्या के 3,775 मामलों में दोषियों को सजा दिलाई गई है।
ऑपरेशन कन्विक्शन से बदमाशों को दिलाई सजा
अपराधियों को सजा दिलाने के लिए जुलाई 2023 से दिसंबर 2024 तक ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान चलाया गया। इसके तहत 51 अभियुक्तों को मृत्युदंड, 6287 अपराधियों को आजीवन कारावास, 1091 अपराधियों को 20 वर्ष से अधिक की सजा, 3868 अपराधियों को 10 से 19 वर्ष तक की सजा और 5788 अभियुक्तों को पांच वर्ष से कम की सजा दिलाई गई।
ये चुनौतियां अभी भी
-महिला अपराध पर नियंत्रण
-साइबर क्राइम पर लगाम
-ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाना
-थानों में तुरन्त एफआईआर दर्ज न होना
-बुजुर्गों व बच्चों के खिलाफ अपराध पर त्वरित कार्रवाई
ऑपरेशन त्रिनेत्र अभियान के तहत 1180510 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए
ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत जुलाई 2023 से दिसंबर 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्युदंड, 6 हजार 287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1 हजार 91 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक की सजा, 3 हजार 868 अभियुक्तों को 10 वर्ष से 19 वर्ष तक की सजा, 5 हजार 788 अभियुक्तों को 05 वर्ष से 09 वर्ष की सजा एवं 51,748 अभियुक्तों को 05 वर्ष से कम की सजा से दण्डित कराया गया है।