army is responsible for stampede in territorial army recruitment rally in pithoragarh : DM पिथौरागढ़ की प्रादेशिक सेना भर्ती में मची भगदड़ के लिए सेना जिम्मेदार : डीएम, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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पिथौरागढ़ की प्रादेशिक सेना भर्ती में मची भगदड़ के लिए सेना जिम्मेदार : डीएम

डीएम ने कहा कि स्पष्ट है कि अन्य क्षेत्र की भर्ती निरस्त होने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के यहां आने से यह स्थिति पैदा हुई। उधर, मामले में सेना का पक्ष जानने की भी कोशिश की गई पर किसी सक्षम अधिकारी से संपर्क नहीं हुआ।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, पिथौरागढ़। हिन्दुस्तानFri, 22 Nov 2024 09:36 AM
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पिथौरागढ़ की प्रादेशिक सेना भर्ती में मची भगदड़ के लिए सेना जिम्मेदार : डीएम

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बीत दिन सेना भर्ती के दौरान हुई भगदड़ और अव्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने सेना को जिम्मेदार बताया है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में गुरुवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि सेना के स्तर से अनिर्णय की स्थिति और बिहार के दानापुर में होने वाली यूपी के युवाओं की भर्ती निरस्त होने से यहां हालात बिगड़ गए।

पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी ने बताया कि जिले में प्रादेशिक सेना की भर्ती की तैयारियों के संबंध में 8 नवंबर को बैठक हुई थी। प्रशासन को अवगत कराया गया था कि टेरिटोरियल आर्मी की भर्ती सागर (एमपी), दानापुर (बिहार) और पिथौरागढ़ में होनी है। यह भी जानकारी दी थी कि अन्य राज्यों के लिए निर्धारित तिथियों में अभ्यर्थियों की भीड़ कम रहेगी, लेकिन उत्तराखंड के लिए तय तिथियों पर संख्या अधिक होने की संभावना रहेगी। उत्तर प्रदेश के लिए घोषित तिथियों पर पश्चिमी यूपी के युवा यहां आ सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत होगी।

डीएम ने बताया कि 11 नवंबर को उत्तराखंड परिवहन निगम व परिवहन विभाग से अतिरिक्त बसों का अनुरोध किया था। इस बीच, यूपी के अभ्यर्थियों के लिए दानापुर में होने वाली भर्ती 17 नवंबर को अचानक निरस्त हो गई।

पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को इसकी सूचना पत्र के माध्यम 18 नवंबर को मिली। डीएम ने कहा कि सेना के अफसरों ने इस संबंध में न कोई फोन किया और न ई-मेल भेजा। उधर, दानापुर की भर्ती में शामिल होने वाले यूपी के अभ्यर्थी भी यहां पहुंच गए। यदि दानापुर में भर्ती निरस्त होने की सूचना समय से दी जाती तो असुविधा नहीं होती। साथ ही दानापुर भर्ती निरस्त करते समय ही फिर से भर्ती को तिथियों का पुनर्निर्धारण कर लिया जाता तो युवा पिथौरागढ़ नहीं आते।

डीएम ने कहा कि स्पष्ट है कि अन्य क्षेत्र की भर्ती निरस्त होने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के यहां आने से यह स्थिति पैदा हुई। उधर, मामले में सेना का पक्ष जानने की भी कोशिश की गई पर किसी सक्षम अधिकारी से संपर्क नहीं हुआ।

पिथौरागढ़ में सेना भर्ती स्थल पर युवाओं ने रात दो बजे ही डाला डेरा

प्रादेशिक सेना भर्ती में यूं तो शारीरिक दक्षता परीक्षा तड़के पांच बजे से शुरू होती, लेकिन गुरुवार को युवा रात दो बजे ही भर्ती स्थल पर पहुंच गए। जाजरदेवल स्थित देवकटिया भर्ती स्थल पर बुधवार की अपेक्षा भीड़ कम रही। निर्धारित समय बाद युवाओं के दस्तावेजों की जांच और फिर दौड़ समेत अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षा हुई। भीड़ कम होने से पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस दौरान 150-150 का ग्रुप बनाकर युवाओं की दौड़ कराई गई। हर ग्रुप से तीन से चार युवाओं का चयन किया गया। अब शुक्रवार से उत्तराखंड के युवाओं की शारीरिक परीक्षा शुरू होनी है, जो दो दिन चलेगी। इसके लिए विभिन्न जिलों से युवाओं का पहुंचना शुरू हो गया है।

मेरठ से 70 रुपये में पहुंचे, टैक्सी में 1700 चुकाए : कुछ टैक्सी चालकों ने युवाओं से मनमाना किराया वसूला। मेरठ के एक युवक ने बताया कि टनकपुर से पिथौरागढ़ के लिए टैक्सी वाले ने 17 सौ रुपये वसूले। अलीगढ़ के सौरभ कुमार और मनोज ने बताया कि वह टनकपुर तक 70 से 100 रुपये के किराए में ट्रेन से पहुंचे गए, लेकिन टनकपुर से पिथौरागढ़ तक आने के लिए उनसे 1700 रुपये किराया लिया गया। सौरभ ने बताया कि उनके पिता मजदूरी करते हैं। कर्ज लेकर पिता ने उन्हें यहां भर्ती में शामिल होने के लिए भेजा था।

लोगों ने अपना बच्चा समझकर रोटी खिलाई : तमाम अव्यवस्थाओं के बीच युवाओं के लिए स्थानीय लोग मददगार बने। युवाओं ने बताया कि भर्ती स्थल पर कई महिलाओं ने घरों से खाना लेकर उन्हें खिलाया। कुछ लोगों ने सड़क किनारे उन्हें सोता देखा तो अपने घर के दरवाजे खोल दिए। उन्होंने बिस्तर भी दिया और खाना भी खिलाया। युवाओं ने कहा कि पहाड़ के इस अपनेपन को वह हमेशा याद रखेंगे।

ट्रेन से तीन हजार से अधिक युवा घर लौटे : टनकपुर में रेलवे प्रशासन की ओर से चलाई गई दो भर्ती स्पेशल ट्रेन से बुधवार की रात करीब तीन हजार से अधिक युवा अपने घरों को लौटे। रेलवे स्टेशन में रात भर युवाओं का जमावड़ा लगा रहा। स्थानीय प्रशासन ने युवाओं के लिए व्यवस्थाएं की। गुरुवार को भी रेलवे ने युवाओं के लिए दो अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की। सेना भर्ती के लिए युवाओं की भीड़ बुधवार से कम हो गई।

टनकपुर से पिथौरागढ़ भेजीं 40 बसें : पिथौरागढ़ में सेना भर्ती को को पहुंचे युवाओं को लेने के लिए टनकपुर से 40 बसें रवाना हुईं। बीते बुधवार की देर रात परिवहन निगम ने 85 बसों की व्यवस्था कराई। पिथौरागढ़ से युवाओं को टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचाया जा रहा है। उधर, लोहाघाट रोडवेज डिपो की अधिकतर बसें पिथौरागढ़ भेजे जाने से 14 रूटों पर बसों का संचालन ठप हो गया है।

प्रशासन ने हाईवे को पांच जोन में बांटा : पिथौरागढ़ भर्ती को लेकर पुलिस ने घाट से टनकपुर तक हाईवे को पांच जोन में बांटा है। एसपी चम्पावत अजय गणपति ने बताया कि हर जोन में निरीक्षक, एसआई समेत भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। टनकपुर में भीड़ का दबाव कम करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने यातायात प्लान बनाया है। हाईवे पर ओवरलोड वाहनों पर नजर रखी जा रही है।

भगदड़ के निशान, अपना सामान खोजते रहे युवा : पिथौरागढ़ के जाजरदेवल क्षेत्र के देवकटिया में बुधवार को प्रादेशिक सेना की भर्ती के दौरान भगदड़ के निशान अब भी वहां मौजूद हैं। टूटे हुए सेना के गेट से लेकर इधर-उधर बिखरा पड़ा युवाओं का सामान भर्ती स्थल में घटी घटना की कहानी बयां कर रहा है। इधर, भगदड़ के बाद का एक वीडियो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें 10 से 12 युवा कंबलों के ढेर में अपना सामान खोजते हुए दिखाई दे रहे हैं।

युवाओं ने पिकअप वाहन में ही काटी रात : बुलंदशहर से पिथौरागढ़ पहुंचे युवाओं ने पिकअप को ही अपना घर बना लिया। प्रादेशिक सेना भर्ती में शामिल होने पहुंचे राजू ने कहा कि वह पांच साथियों के साथ 20 हजार रुपये में वाहन बुक कर पहुंचे हैं। एक साथी भर्ती की दौड़ में सफल हो गया है। अन्य चार लोग भर्ती में असफल हो गए। सहारनपुर, एटा, कासगंज से भी युवा पिकअप में भरकर जिला मुख्यालय पहुंचे और उसी में रात काटी।

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