दो पूर्व प्रधान समेत तकनीकी प्रबंधक को ढाई साल की सजा
न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री जैनब की अदालत ने दो ग्राम प्रधानों और एक तकनीकी प्रबंधक को सरकारी धन के गबन के आरोप में ढाई साल की सजा सुनाई। फर्जी वाउचर के माध्यम से धनराशि हड़पने का मामला सामने आया था,...

न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री जैनब की अदालत ने दो ग्राम प्रधानों और एक तकनीकी प्रबंधक को ढाई साल की सजा सुनाई है। उनपर सरकारी धन का गबन करने का आरोप था। तीनों ने फर्जी वाउचर लगाकर सरकारी धनराशि आहरित कर लिया। घटनाक्रम के अनुसार ग्राम मवाई में वर्ष 2007 से 2013 में उत्तरांचल विकेंद्रीकृत जलागम विकास परियोजना के तहत नुदान पर पशु आवास निर्माण एवं हारवैस्टिंग टैंक निर्माण होना था। आरोप है कि योजना का लाभ लाभार्थियों को ने देकर फर्जी एवं कूटरचि वाउचर बनाकर शासकीय अनुदान की धनराशि को तत्कालीन ग्राम प्रधान गोविंदी देवी, ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह तथा तकनीकी प्रंबंधक बद्रीदत्तर पंत ने हड़प लिया। रिपोर्टर बाग सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इस दौरान लाभार्थियों ने बताया उनके यहां न तो कोई पशु आवास बना और न ही कोई रुपया उन्हें मिला। हारवेटिंग टैंक निर्माण में भी इसी तहर की गड़बड़ी मिली। दोनों मामले में फजी वाउचर लगाए गए। वादी की तहरीर पर थाना बैजनाथ में तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की विवेचना, गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषसिद्ध किया गया। सहायक अभियोजन अधिकारी गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में उन्होंने न्यायालय में 23 गवाह परिक्षित कराए और 193 अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किए। शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट जैनब की अदालत ने गोविंदी देवी, विरेंद्र सिंह व बद्रीदत्त पंत को धारा 409 में दो वर्ष छह माह का कठोर कारावास तथा चार हजार का अर्थदंड लगाया है।
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