बोले गढ़वाल : ज्योतिर्मठ के सिंहधार में घरों से नहीं जोड़ी सीवर लाइन
जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में जल संस्थान की लापरवाही से स्थानीय जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नौ साल पहले बिछाई गई सीवर लाइन अब तक आवासीय भवनों से नहीं जुड़ी है, जिससे सीवर खुले में...
ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) के सिंहधार वार्ड में जल संस्थान की लापरवाही स्थानीय जनता की परेशानियों का कारण बन गई है। स्थिति की गंभीरता इसी बात से पता चलती है कि नौ वर्षों पूर्व सीवर लाइन बिछा देने के बावजूद आज तक उसे आवासीय भवनों से नहीं जोड़ा जा सका है। यही कारण है कि जिस जनता की सुविधा के लिए बड़ी धनराशि खर्च कर उसे बनाया गया, उसी को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभागीय लापरवाही का ही कारण है कि कई स्थानों पर इस वजह से सीवर नालों में बहने से आम जनता की दिक्कतों की वजह बन रहा है। पूरन भिलंगवाल की रिपोर्ट...
बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा के प्रमुख पड़ाव ज्योतिर्मठ में सरकारी मशीनरी का जनता के प्रति अपनाया जा रहा लापरवाह नजरिया मुसीबतों का कारण बन रहा है। इसका उदाहरण देखने को मिलता है नगर पालिका के 3500 से अधिक की आबादी वाले सिंहधार वार्ड में। दरअसल, आबादी क्षेत्र में सीवर के उचित निस्तारण की सुविधा नहीं होने से जनता की परेशानियों के मद्देनजर नौ वर्ष पूर्व जल निगम द्वारा सिंहधार लिंक मोटरमार्ग में सीवरलाइन तो बिछा दी गई, लेकिन उसके बाद जिस जल संस्थान को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सीवरलाइन से घरों को जोड़ना था, उसने बेहद गैरजिम्मेदाराना रुख अपनाते हुए आज तक अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया है। इस कारण जनता को दिक्कतें तो झेलनी ही पड़ रही हैं। कई स्थानों पर इस कारण नालों में खुलेआम सीवर बहता हुआ नजर आता है। खुले में बहते सीवर की वजह से निकटवर्ती क्षेत्र की जनता को रोज उससे उठती दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है।
वार्ड क्षेत्र में वेदवेदांग गेट के पास मौजूद मूत्रालय की स्थिति इस कदर खराब है कि नियमित सफाई के अभाव में उसके गंदे रहने से उसका इस्तेमाल करने से लोग तो बचते ही हैं लेकिन सीवरलाइन से जुड़े नहीं होने व पिट का इंतजाम नहीं होने से खुले में बहती गदंगी से उठती बदबू से लोग परेशान हैं। क्षेत्र में दो शौचालय तो हैं, लेकिन सार्वजनिक पेयजल सुविधा के नाम पर स्थिति लगभग नील बटे सन्नाटे जैसी ही है। वर्षों बाद भी पार्किंग सुविधा के नाम पर कोई स्थान विकसित नहीं किए जाने के कारण आम जनता के साथ तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को भी अपने वाहनों को पार्क करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ये हाल तब हैं जबकि बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही तो इस क्षेत्र में होती ही है लेकिन शहर के बदरीनाथ यात्रामार्ग का प्रमुख पड़ाव होने व धार्मिक सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इलाके में ड्रेनेज सिस्टम भी बुरी तरह चरमराया हुआ है। क्षेत्र में बड़े नाले तो हैं, लेकिन उनकी सफाई नहीं होने के कारण उनसे उठती बदबू के बीच आम जनता को परेशानियां उठानी पड़ती हैं। बरसात में यही नाले आम जनता पर भारी पड़ते हैं। पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं होने से भी क्षेत्रवासी बेहद परेशान हैं।
ओवरफ्लो हो रही सीवर लाइन बनी मुसीबत
सिंहधार वार्ड क्षेत्र के मात्र 40 फीसदी हिस्से में ही सीवरलाइन की मौजूदगी है, जबकि 60 फीसदी हिस्सा आज भी सीवर लाइन की बाट जोह रहा है। बदरीनाथ हाईवे और इससे सटे कुछ क्षेत्रों में तो सीवरलाइन है जो किसी तरह काम कर रही है। कई ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां सीवरलाइन तो है, लेकिन चोक होने या फिर अन्य कारणों से वो या तो लीक कर रही है या फिर ओवरफ्लो होकर लोगों के लिए मुसीबत की वजह बन रही है। इसका एक उदाहरण देखने को मिलता है थाने के निकट जहां काफी समय से लीक होते सीवर के रोकथाम की कोई कोशिश ही नहीं की जा रही है। दूसरी तरफ नौ वर्ष पूर्व सिंहधार संपर्क मोटरमार्ग में बिछाई गई सीवरलाइन को घरों से नहीं जोड़ा गया है, जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। मीट बाजार में तो स्थिति इस कदर खराब है कि सीवरलाइन नहीं होने के कारण लोगों खुलेआम घरों से निकलते सीवर को पास बहते नाले में बहा रहे हैं, जिस कारण आसपास रहने वाले क्षेत्रवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सुझाव
1. क्षेत्र को पूरी तरह सीवरलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाए जिससे दिक्कतें न हों।
2. चोक नालियों व बड़े नालों की सफाई के साथ उन्हें खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाए।
3. खंडहर भवनों व मलबे को हटाया जाए। घिरसी मोहल्ले में गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण करवाया जाए।
4. क्षतिग्रस्त रास्तों के पुनर्निर्माण के साथ पर्याप्त पेयजल आपूर्ति हो। पार्किंग सुविधा विकसित की जाए।
5. नालों व रास्तों से पेयजल लाइनों के मकड़जाल हटाए जाएं। पर्याप्त संख्या में कूड़ेदानों व स्ट्रीटलाइट्स की व्यवस्था हो।
शिकायतें
1. पूरे क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से कई स्थानों पर खुले में बहता है सीवर जिस वजह से बदबू से परेशान हैं।
2. सफाई नहीं होने से बजबजाती चोक नालियों व गदेरों से बरसात में होती है सबसे ज्यादा दिक्कतें।
3. घिरसी मोहल्ले में गंदे पानी के लिए रास्तों के किनारे नालियों की व्यवस्था ही नही है। खंडहर भवनों से बना है खतरा।
4. क्षतिग्रस्त रास्तों के पुनर्निर्माण नहीं होने व अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति से भी परेशानियां। पार्किंग सुविधा नहीं होने से परेशानी।
5. नालों व रास्तों पर पेयजल लाइनों के मकड़जाल से आवाजाही में मुश्किलें। अपर्याप्त स्ट्रीटलाइट्स से भी दिक्कतें।
बदरीनाथ हाईवे पर जाम लगने से होती है दिक्कत
बदरीनाथ, हेमकुंड, फूलों की घाटी तक जाने वाले बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े होने के कारण इस पर यात्रा सीजन में ट्रैफिक का बोझ सबसे ज्यादा रहता है। वहीं अक्सर तंग रास्तों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम में फंसकर आम जनता के साथ तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को भी परेशान होना पड़ता है। ऐसे में जहां ट्रैफिक जाम से बचाव के विकल्प तलाशने की आवश्यकता हमेशा महसूस होती रहती है, वहीं बीएनएनएल कार्यालय के निकट से बने एक किमी लंबे लिंक मोटरमार्ग को आगे बढ़ाकर उसे वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग भी लंबे समय से की जा रही है। इस संपर्क मोटरमार्ग को सती मोहल्ले से आगे बढ़ाते हुए चुंगी तक ले जाने और इसे पुरानी चुंगी के निकट बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की क्षेत्रवासी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस लिंक मोटरमार्ग को यदि मांग के अनुरूप विस्तारित किया जाता है तो इसका लाभ पूरे सिंहधार को सुचारू आवाजाही के तौर पर तो मिलेगा।
लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा
वार्ड के अंतर्गत पड़ने वाले खटाधार मोहल्ले में 10 वर्ष पूर्व नगर पालिका ने पक्का आवागमन का मार्ग बनाया था, लेकिन उसके बाद इस पैदल मार्ग की मरम्मत नहीं किए जाने के कारण उसपर लगाई गईं इंटरलॉक टाइल्स तो जगह जगह टूट ही गई हैं। रास्ते के किनारे बनी नालियों में भी पड़ी दरारों को ठीक नहीं किये जाने से पानी उनसे रिसकर जमीन पर जा रहा है। क्षेत्र में पेयजल संकट से भी लोग परेशान हैं। सामान्य काल में ही पेयजल किल्लत से जूझती जनता के लिए गर्मी का सीजन मुसीबतें लेकर आता है। स्थानीय जनता का कहना है कि जल संस्थान उन्हें तो पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं कर पा रहा है, लेकिन रसूखदार और बड़े कारोबारियों को आसानी से पर्याप्त पेयजल मुहैया करवा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण भी है चिंतनीय भी। रोपवे तिराहे से सिंहधार तक बहने वाले गदेरे से गुजरती अधिकांश पेयजल लाइनों के कारण लोगों को पेयजल लाइनों से गंदे पानी की आपूर्ति की चिंता सताती रहती है।
जर्जर खंडहर भवनों से जान का खतरा
वार्ड क्षेत्र अंतर्गत खंडहर भवन भी लोगों की जान पर संकट बने हुए हैं जिन्हें हटाने के प्रति बरती जा रही लापरवाही किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकता है। दरअसल जनवरी 2023 में आयी आपदा की वजह से थाने के निकट 10 से अधिक आवासीय भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि दो होटलों को सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर तब तुड़वा दिया था लेकिन अभी भी अधिकांश टूटे भवनों का मलवा मौके पर ही पड़ा हुआ है जिसे हटाने के प्रति सरकारी मशीनरी उदासीन रवैया अपनाये हुए है। इसके साथ तब कुछ भवनों को तोड़ने की शुरूआत तो की गई लेकिन फिर उन्हें आधा अधूरा छोड़ दिया गया, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। उनके आसपास के क्षेत्र में अब भी सुरक्षित भवनों में रह रहे परिवारों की आवाजाही खंडहर बन चुके भवनों के पास से ही होती है। ऐसे में खंडहर भवनों के जर्जर हो चुके हिस्सों के कभी भी आवाजाही के दौरान उनपर गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती है।
बोले जिम्मेदार
मेरे द्वारा बोर्ड बैठक में प्रस्ताव परित करवाकर एनएच से नीचे आने वाले नाले का टैंडर लगवा दिया गया है। सिंहधार लिंक मोटर मार्ग शुरुआत में कुछ टूट रखा है और कुछ स्थानों में इसमें रेलिंग भी लगी है, इसका सुधारीकरण करना मेरी प्राथमिकता है। जल संस्थान से वार्ता कर मोहल्लेवार सीवरलाइन बिछाने का अनुरोध किया गया है। -राजेश्वरी भंडारी, सभासद नगर पालिका
वेद वेदांग के निकट के शौचालय को साफ करवाया जा रहा है। सिंहधार के दोनों गदेरों को बरसात से पहले साफ करने के निर्देश दे दिए गए हैं। दोनों नालों को ठीक करने के लिए जेई को मौके पर भेजा जा रहा है। सिंहधार में क्षतिग्रस्त लिंक मोटर मार्ग में रेलिंग को ठीक करने के लिए प्रक्रिया शुरू की जा रही है। - हयात सिंह रौतेला, ईओ, नगरपालिका, ज्योतिर्मठ
सिंहधार लिंक मोटरमार्ग को सती मोहल्ले से आगे बढाकर पुरानी चुंगी में मुख्य सड़क से जोडा जाना जरूरी है। ऐसा होने पर बदरीनाथ, हेमकुंड जाने वाले हल्के वाहन इस मोटरमार्ग से आवाजाही कर सकेंगे जिससे व्यवसायियों को भी फायदा होगा। -रविन्द्र शाह, स्थानीय निवासी
कृषि एवं उद्यान विभाग की गांव आधारित योजनायों का लाभ 40 प्रतिशत काश्तकारी भूमि वाले ज्योतिर्मठ के काश्तकारों को नहीं मिल पा रहा है। पार्किंग सुविधा नहीं होने और थाने के निकट जलसंस्थान का लीक होते सीवर से लोगों को भारी परेशानी हो रही हैं। -अभिषेक पंवार, स्थानीय निवासी
नगरपालिका द्वारा जो नाली मोहल्ले में बनाई गई है उसकी निकासी नही है, जिस कारण अक्सर मोहल्ले के निकट गंदे पानी का तालाब बने रहने से बदबू आती है। सिंहधार लिंक मोटरमार्ग को पुरानी चुंगी में बदरीनाथ हाईवे से जोड़ा जाना चाहिए। -सुशील चन्द्र सती, स्थानीय निवासी
पूरा वार्ड पेयजल संकट से परेशान है। गर्मी की दस्तक के साथ पेयजल संकट बढ़ गया है, साथ ही गल्ला गोदाम से नीचे आने वाला नाला बरसात में रौद्र रूप ले लेता है जिसका पानी सीधे लोगों के घरों व दुकानों में घुसता है जिससे दिक्कतें होती हैं। -गुड्डी देवी सती, स्थानीय निवासी
घिरसी मोहल्ले में रास्तों के किनारे नालियां नहीं होने से बरसात में ऊपर से आने वाला सारा पानी लोगों के घरों और गोशालाओं में घुसता रहता है। यहां पर 12 परिवार रहते हैं साथ ही मोहल्ले में सीवरेज एवं ड्रेनेज भी नही है। जिससे लोगों को दिक्कत होती है। -सोहन सिंह बिष्ट, स्थानीय निवासी
आपदा के बाद सरकार प्रभावितों की सुध नहीं ले रही है। अभी तक क्षतिग्रस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा तय नहीं होने से लोग परेशान हैं। हमारा भवन व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं लेकिन दोनो दुकानों का मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे ही अन्य प्रभावित लोग भी हैं। -देवेश्वरी देवी, स्थानीय निवासी
वन विभाग की लापरवाही के चलते गरूना तोक में भालू की आवाजाही से खौफ बढ़ रहा है। मोहल्ले के कुछ स्थानों में सीवर भी लीक हो रहा है और नालियों व गदेरे की स्थिति भी काफी गंदी है। पालिका पार्किंग के निकट विद्युत पोलों के भंडारण से दिक्कतें हो रही हैं। -आशीष डिमरी, स्थानीय निवासी
खटाधार मोहल्ले में 9 वर्ष पूर्व पालिका द्वारा पक्का रास्ता व नाली बनाई गई थी लेकिन उसके बाद रास्ते व नाली का पुर्ननिर्माण न होने से पैदल रास्ते की अधिकांश टाईल्स टूट गई हैं रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो रखा है, नालियों में दरारें आने लगी है जिससे पानी जमीन में घुस रहा है। -बालम सिंह, स्थानीय निवासी
ज्योति विद्यालय के निचले भाग में दो नाले हैं व 20 वर्षों से इन नालों कार्णोद्धार नही हुआ है और न उनकी सफाई ही की जा रही है जिससे उनमें गंदगी व झाडियां बढ़ रही हैं। जरा सी बारिश में हाईवे का सारा पानी इन दोनो नालों से घरों में घुसता है जिससे परेशान हैं। -दीपक रावत, स्थानीय निवासी
वेदवेदांग गेट के सामने पालिका ने मूत्रालय बना रखा है लेकिन पिट की गैर मौजूदगी व सफाई नहीं होने से उससे निकलती गंदगी से आसपास काफी बदबू फैल रही है। हाईवे किनारे जलसंस्थान के ड्रेनेज चैंबर के क्षतिग्रस्त ढक्कन से दुर्घटनाएं हो रही हैं। -सुरेन्द्र पंवार, स्थानीय निवासी
2023 में आयी आपदा में थाने के निकटवर्ती मोहल्ले के लगभग 10 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। सरकार की ओर से घरों का मुआवाजा तो दिया गया है लेकिन अभी तक जमीनों की कीमत तय नहीं हुई है जिस कारण लोग परेशान हैं। समस्या जल्द हल होनी चाहिए। -गुड्डू रावत, स्थानीय निवासी
सिंहधार महिला मिलन केन्द्र से कुछ आगे जाने पर पैदल मार्ग 150 मीटर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसका सुधारीकरण नहीं होने से पैदल चलने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। संबंधित विभाग को इसका संज्ञान लेकर जल्द से जल्द मार्ग की मरम्मत करनी चाहिए। -दिनेश सिंह, स्थानीय निवासी
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