राज्य आंदोलनकारियों ने की यूसीसी से लिव इन कानून हटाने की मांग
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप कानून को हटाने की मांग की है। मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि यह प्रावधान राज्य की संस्कृति को विकृत...

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर उत्तराखंड में लागू यूसीसी से लिव इन रिलेशनशिप कानून के प्रावधान को हटाने की मांग की है। मंच ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डीएम के माध्यम से इस सम्बंध में ज्ञापन सौंपा। मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने बताया कि राज्य में समान नागरिकता कानून लागू हो गया है। लेकिन देवभूमि उत्तराखंड जो अपनी विशिष्ट अध्यात्मिक, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, उसमें राज्य सरकार ने यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता प्रदान कर दी है। मंच के आंदोलनकारी और विशेषकर राज्य की मातृशक्ति लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दिए जाने का विरोध कर रही है। इस प्रावधान से राज्य की संस्कृति विकृत होने का अंदेशा है। लिहाजा ऐसे किसी भी कानून का विरोध किया जाएगा। देवभूमि की जनभावना, सनातनी सांस्कृतिक विरासत और परिवार जैसी इकाई को अक्क्षुण बनाए रखने के लिए लिव इन के प्रावधान को समाप्त किया जाना बेहद जरुरी है। मातृशक्ति पुष्पलता सिलमाना, विजय लक्ष्मी गुसाईं ने कहा कि जब तक पूरे देश में इसके लिए समान कानून नहीं बन जाता, तब कि इस तरह के प्रावधानों को लागू नहीं किया जाना चाहिए। मौके पर सुलोचना भट्ट, संगीता रावत, राधा तिवाड़ी, तारा पांडे, अरुणा थपलियाल, शकुंतला रावत, जयदीप सकलानी, मोहन सिंह रावत, राम लाल खंडूड़ी मौजूद रहे।
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