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वन संरक्षण, हाइड्रो पावर, फ्लोटिंग आबादी प्रबंधन को विशेष अनुदान मिले: धामी

1. वन संरक्षण, हाइड्रो पावर, फ्लोटिंग आबादी प्रबंधन को विशेष अनुदान मिले: धामी मुख्यमंत्री पुष्कर

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनMon, 19 May 2025 03:57 PM
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वन संरक्षण, हाइड्रो पावर, फ्लोटिंग आबादी प्रबंधन को विशेष अनुदान मिले: धामी

देहरादून। उत्तराखंड ने 16 वें वित्त आयेाग से राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर अधिक केंद्रीय वित्तीय सहायता की संस्तुति करने की पैरवी की है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया के नेतृत्व में आए दल के साथ बैठक में नौ विभिन्न सेक्टर में विशेष केंद्रीय आर्थिक सहायता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य को उसकी पर्यावरणीय सेवाओं, तीर्थयात्री और पर्यटकों की फ्लोटिंग आबादी के लिए बुनियादी संसाधन जुटाने, बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक निर्माण लागत को विशेष सहायता की जरूरत जाहिर की। उन्होंने नौ प्रमुख मुददों को आयोग के समक्ष रखते हुए अनुरोध किया कि राज्य के पक्ष को प्रमुखता से आयेाग की रिपोर्ट में शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने आयोग सदसयों के सम्मुख प्रभावी ढंग से राज्य के मुद्दों को बारी बारी से रखा। कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य गठन से अब तक का ब्योरा रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शहरीकरण बढ़ने के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं। वहीं राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 70 प्रतिशत से अधिक भाग वनों से आच्छादित होने के कारण प्रमुख रूप से दो चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। जहां एक ओर हमें वनों के संरक्षण के लिए अधिक व्यय करना पड़ता है। वहीं वन क्षेत्र में किसी अन्य विकास गतिविधि पर प्रतिबंध के कारण ईको-सर्विस लागत का वहन भी करना पड़ता है। जल संरक्षण, तीर्थाटन-पर्यटन की वजह से बढ़ने वाली फ्लोटिंग आबादी के प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाओं समेत कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है। राज्य को पूर्व में मिलने वाली कई सुविधाएं समाप्त हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्र में बिखरी हुई आबादी को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए होने वाले सार्वजनिक व्यय का मुद़दा भी रखा। आयोग अध्यक्ष ने राज्य द्वारा उठाए गए सभी विषयों को गंभीरता से सुना। कहा कि आयेाग देश के सभी राज्यों में जाकर वहां की बुनियादी विषयों, समस्याओं और आवश्यकताओं पर चर्चा कर रहा है। सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपेार्ट केंद्र को सौंपी जाएगी। इस दौरान मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर. मीनाक्षीसुंदरम, एल फैनई, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, उद्योग सचिव विनय शंकर पांडेय, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, कृषि सचिव एसएन पांडे, अपर सचिव मनमोहन मैनाली और आयोग से और सदस्य ऐनी जॉर्ज मैथ्यू , डा. मनोज पाण्डा, डा. सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पाण्डेय, संयुक्त सचिव केके मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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