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डायटिंग से ‘स्लिम-ट्रिम’ दिखने के चक्कर में मुसीबत में लड़कियां, खून-कैल्शियम की कमी कई बीमारियों को दावत

ऐसे मरीजों को दवाएं देकर जीवनशैली क्लीनिक में काउंसलिंग के लिए भेजा जा रहा है। कोरोनेशन और निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीज देखे गए हैं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून। चांद मोहम्मदTue, 6 May 2025 09:17 AM
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डायटिंग से ‘स्लिम-ट्रिम’ दिखने के चक्कर में मुसीबत में लड़कियां, खून-कैल्शियम की कमी कई बीमारियों को दावत

मोटापा घटाने के साथ ‘स्लिम-ट्रिम’ दिखने के चक्कर में डॉक्टरी सलाह के बिना डायटिंग से लड़कियां खुद को मुसीबत में डाल रही हैं। उन्हें शरीर में खून-कैल्शियम की कमी, कमजोरी, सिरदर्द, उल्टी, चिड़चिड़ापन के साथ पेट में गैस और अपच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जबकि, डॉक्टर बताते हैं कि मोटापा कम करने का कोई शॉर्टकर्ट नहीं होता।

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की हॉस्पिटल बेस स्टडी में यह तथ्य सामने आए हैं। एसोसिएट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमारजी कौल के मुताबिक, मेडिसिन विभाग में हर महीने औसतन ऐसे 100 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं, जिनमें 70 फीसदी लड़कियां हैं। ऐसे मरीजों को दवाएं देकर जीवनशैली क्लीनिक में काउंसलिंग के लिए भेजा जा रहा है। कोरोनेशन और निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीज देखे गए हैं।

दोपहर तक ग्रीन टी के भरोसे, बन रहे गैस्ट्रो के मरीज

आकर्षक दिखने के लिए लोग दोपहर तक केवल ग्रीन टी ले रहे हैं। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केसी पंत और डॉ. सोनिया सिंह के अनुसार, आठ से दस घंटे तक भूखे रहने से पेट में गैस, मरोड़, अपच और जी मिचलाने की समस्या होती है।

एक जैसा डाइट प्लान सबके काम नहीं आता

जीवनशैली क्लीनिक की डायटीशियन ऋचा कुकरेती डोबरियाल ने बताया कि मोटापा घटाने या आकर्षक दिखने के चक्कर में 15 से 35 साल की लड़कियां गलती कर रही हैं। हर किसी के शरीर का अलग स्ट्रक्चर होता है और एक जैसा डाइट प्लान सबके काम नहीं आता। यदि मोटापा कम करना है तो नियमित संतुलित पोषणयुक्त डाइट, व्यायाम, योगा के साथ वॉक करनी होगी। खुद डाइटिंग करना खतरनाक स्थिति तक ले जा सकता है।

संतुलित आहार लेना जरूरी: सोनम भंडारी

डायटीशियन सोनम भंडारी बताती हैं कि डाइटिंग का मतलब यह नहीं कि आप सही आहार लेना बंद कर दें। सेहत के प्रति लोग सजग हुए हैं, लेकिन मोटापा न हो, इसके लिए डाइटिंग के नियमों में बंध जाते हैं और सही पोषण नहीं लेते, इससे शरीर की सेहत पर प्रभाव पड़ता है। संतुलित आहार लेना जरूरी है। डॉक्टर या डायटीशियन से मिलकर ही कोई डाइट फॉलो करनी चाहिए।

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