Mobile Phones Cause Rising Family Tensions Over 250 Teen Girls in Kumaon Run Away छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ होकर घर छोड़ रहीं बेटियां, Haldwani Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsHaldwani NewsMobile Phones Cause Rising Family Tensions Over 250 Teen Girls in Kumaon Run Away

छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ होकर घर छोड़ रहीं बेटियां

हल्द्वानी में मोबाइल फोन के कारण माता-पिता के बीच दूरी बढ़ रही है। पिछले एक साल में कुमाऊं में 250 किशोरियों ने घर छोड़ दिया है, जिनमें से अधिकांश मोबाइल और सोशल मीडिया पर विवाद के कारण हैं। पुलिस ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीTue, 13 May 2025 11:57 AM
share Share
Follow Us on
छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ होकर घर छोड़ रहीं बेटियां

संतोष जोशी हल्द्वानी। मोबाइल फोन माता-पिता के बीच दूरी बढ़ा रहा है। सामान्य तौर पर विनम्र मानी जाने वाली बेटियां भी इस शौक के लिए माता-पिता से इस कदर नाराज हो रही हैं कि घर ही छोड़कर चली जा रही हैं। मोबाइल में रील्स देखने से मना करने, इंस्टा, फेसबुक या अन्य सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म से दूरी बनाने के लिए कहने पर अक्सर विवाद हो रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, कुमाऊं में करीब 250 किशोरियों के घर छोड़ने के मामले बीते एक साल में सामने आए हैं। इसमें करीब 210 से अधिक मोबाइल और स्क्रीन टाइम के विवाद को लेकर रहे हैं।

हालांकि इसमें अधिकांश किशोरियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो कुमाऊं के छह जिलों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में एक साल के भीतर 250 से अधिक किशोरियां घर से नाराज होकर कहीं चली गईं। इसमें 185 के आसपास मामले ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के हैं। जबकि पहाड़ के चार जिलों से 65 ऐसे मामले सामने आए हैं। घर से नाराज होकर भागने वाली किशोरियों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच रही है। पुलिस के मुताबिक मैदानी जिलों में ही मोबाइल से जुड़े मामले अधिक हैं। इसमें भी लगभग सभी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं। मां से होता है मोबाइल को लेकर अधिक झगड़ा पुलिस के मुताबिक, मोबाइल को लेकर लड़कियों का विवाद पिता की तुलना में मां से अधिक है। मोबाइल से जुड़े पुलिस के पास जो 210 से अधिक मुकदमे आए, उसमें भी 90 फीसदी किशोरियां मां के टोकने-डांटने पर ही नाराज हुई थीं। इसकी बड़ी वजह है कि बच्चे ज्यादा समय मां का ही मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि पिता घर में कम रहते हैं। गुमशुदा किशोरियों की 60 प्रतिशत बरामदगी गुमशुदा हो रहीं किशोरियों की खोजबीन के लिए पुलिस विशेष अभियान चलाती है। इनके मोबाइल फोन या इंस्टाग्राम आईडी की मदद से इन्हें शहर से या बाहर से बरामद किया जाता रहा है। एक साल में गुमशुदा हुईं इन नाबालिग किशोरियों में से पुलिस ने अब तक 60 प्रतिशत से अधिक की बरामदगी कर ली है। महिला पुलिस करती है काउंसलिंग लापता किशोरियों को बरामद करने के बाद उन्हें सीधा परिजनों के सुपुर्द नहीं किया जाता, बल्कि महिला पुलिस उनसे पूछताछ करती है। उनकी काउंसलिंग भी की जाती है। परिवार को भी बच्चों से प्यार से समझाने की सलाह दी जाती है। कई ऐसी भी किशोरियां हैं जो एक से अधिक बार घर से भागकर गईं और बाद में उन्हें बरामद किया गया। कोट .... मोबाइल फोन बच्चों के मामले में बड़ी समस्या बन रहा है। अभिभावकों को बच्चों के साथ समन्वय बनाकर रहना चाहिए। जागरूकता के लिए पुलिस लगातार अभियान भी चला रही है। लापता चल रहीं किशोरियों की बरामदगी को लेकर कुमाऊं में पुलिस को कड़े निर्देश दिए हैं। पुलिस का रिकॉर्ड बरामदगी में बेहतर रहा है। -रिद्धिम अग्रवाल, आईजी, कुमाऊं रेंज।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।