संतोषी कभी दरिद्र नहीं होता: पवन
हरिद्वार, संवाददाता। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट की ओर से शिवालिक नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन भागवताचार्य पंडित प

श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट की ओर से शिवालिक नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया संतोषी कभी दरिद्र नहीं होता। सुदामा परम संतोषी ब्राह्मण थे। उन्हें दरिद्र कहना उचित नहीं है। सुदामा चरित्र की कथा का श्रवण कराते हुए शास्त्री ने कहा कि संदीपनी मुनि के गुरुकुल में विद्या अध्ययन के दौरान कृष्ण और सुदामा की मित्रता हुई। विद्या अध्ययन के बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए। कालांतर में कृष्ण द्वारिकापुरी के राजा द्वारिकाधीश बन गए। परंतु सुदामा की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। परंतु सुदामा भगवान से कभी कुछ नहीं मांगते थे।
हमेशा भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता को याद करते हुए उनकी भक्ति किया करते।
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