उत्तराखंड में अब सभी न्यायिक अफसरों को मिलेंगे गनर, पुलिस हेडक्वार्टर को भेजा पत्र; फैसले की क्या वजह
उत्तराखंड में राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा अधिकारी या गनर दिए जा सकते हैं। न्यायिक अधिकारियों की मांग पर शासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। राज्य गृह विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा गया है।

उत्तराखंड में राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा अधिकारी या गनर दिए जा सकते हैं। न्यायिक अधिकारियों की मांग पर शासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। राज्य गृह विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजकर समस्त न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान किए जाने के संबंध में सुस्पष्ट आख्या के साथ प्रस्ताव मांगा गया है।
न्यायिक अधिकारी अपराधियों और अन्य लोगों से उत्पन्न खतरों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। निर्णय कई बार हर किसी के लिए सुखद नहीं होते हैं। ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग न्यायिक अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस दौरान न्यायिक अधिकारियों की ओर से परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई थी।
इस संबंध में महानिबंधक उच्च न्यायालय नैनीताल की ओर से भी शासन को पत्र लिखा गया था। न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा दिए जाने का यह मामला वर्ष 2022 से लंबित है। सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा अधिकारी या गनर दिए जाने के मामले का परीक्षण किया जा रहा है। शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
जिला जज और हाईकोर्ट के जजों को मिलती है सुरक्षा
उत्तराखंड में न्यायिक अधिकारियों की संख्या करीब 300 के आसपास है। वर्तमान में उच्च न्यायालय में तैनात न्यायाधिपति और जिला मुख्यालयों में तैनात जिला जज को ही पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाती है।
खास बातें
● पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सुस्पष्ट आख्या के साथ प्रस्ताव मांगा
● मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में 2024 में हुई बैठक में उठा था मुद्दा
● न्यायिक अधिकारियों ने सुनवाई के दौरान जताई खतरे की आशंका
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