Sugar Mills in Udham Singh Nagar Struggle with Low Sugarcane Supply Due to Red Rot Disease आठ चीनी मिलों में 391.23 लाख कुंतल गन्ने की पेराई , Kashipur Hindi News - Hindustan
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आठ चीनी मिलों में 391.23 लाख कुंतल गन्ने की पेराई

स बार प्रदेश की आठ चीनी मिलों में 391.23 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। लक्सर चीनी मिल ने प्रदेश की अन्य चीनी मिलों से सर्वाधिक 149.82 लाख कुंतल गन्न

Newswrap हिन्दुस्तान, काशीपुरMon, 21 April 2025 06:26 PM
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आठ चीनी मिलों में 391.23 लाख कुंतल गन्ने की पेराई

- जिले की बाजपुर और नादेही चीनी मिल में मात्र 37.98 कुंतल गन्ना पहुंचा - नादेही, काशीपुर और बाजपुर तक देखा गया था रेड रोट बीमारी का प्रकोप

काशीपुर। प्रदेश की आठ चीनी मिलों में इस बार 391.23 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। लक्सर चीनी मिल ने प्रदेश की अन्य चीनी मिलों से सर्वाधिक 149.82 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की।

वहीं ऊधम सिंह नगर जिले की बाजपुर और नादेही चीनी मिल में पिछले साल की अपेक्षा कम गन्ना आया। सितारगंज चीनी मिल में पिछले साल की अपेक्षा 14 लाख कुंतल से अधिक गन्ना पहुंचा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नादेही, काशीपुर, बाजपुर में रेड रोट बीमारी के चलते गन्ने का उत्पादन कम हुआ।

प्रदेश में बाजपुर, नादेही, किच्छा, सितारगंज, डोईवाला, लिब्बाहेड़ी, इकबालपुर, लक्सर में चीनी मिल संचालित हैं। इस बार जहां प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल की अपेक्षा बढ़ा वहीं जिले में चीनीकी उत्पादन 50 हजार कुंटल घटा है। इस बार बाजपुर में 23.12 लाख कुंतल तो नादेही में 14.86 लाख कुंतल ही गन्ने की पेराई की गई। जबकि किच्छा और सितारगंज चीनी मिल में पिछले साल की अपेक्षा अधिक गन्ना पहुंचा। किच्छा में जहां पिछली बार 30.09 लाख कुंतल व सितारगंज में 23.46 लाख कुंतल गन्ना पेराई की गई वहीं इस बार किच्छा में 30.90 तथा सितारगंज में 37.64 लाख कुंतल गन्ना पहुंचा। विभाग के अनुसार इस बार जिले में रेड रोट बीमारी के चलते कुछ स्थानों पर गन्ने की पैदावार कम रही। बाजपुर और नादेही चीनी मिलों में गन्ना कम पहुंचा और मिल भी समय से पहले बंद करनी पड़ी। लक्सर, डोईवाला, लिब्बाहेडी, इकबालपुर चीनी मिलों में गन्ने की अधिक आपूर्ति हुई है।

नादेही, काशीपुर और बाजपुर में रेड रोट का प्रकोप देखा गया था। पंतनगर से आई वैज्ञानिकों की टीम ने सर्वे किया था। बाजपुर के बाद इसका प्रकोप कम देखा गया। जहां बीमारी देखी गई थी वहां से पौध उखाड़ दी गई थी। जिससे की बीमारी आगे न बढ़ सके। हरिद्वार क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप नहीं था।

-आशीष नेगी, सहायक गन्ना एवं चीनी उद्योग आयुक्त ऊधम सिंह नगर।

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