अस्पताल के सरकारी हाथों में जाने से बेरोजगार हुए युवाओं ने किया प्रदर्शन
अस्पताल में काम करने वाले कर्मियों ने रोजगार को लेकर प्रदर्शन कियाअस्पताल में काम करने वाले कर्मियों ने रोजगार को लेकर प्रदर्शन कियाअस्पताल में काम कर

रामनगर, संवाददाता। पीपीपी मोड के तहत रखे गए करीब साढ़े तीन सौ कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। अस्पताल के सरकार के हाथों में जाने से ये लोग बेरोजगार हो गए हैं। बुधवार को उन्होंने रोजगार की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बुधवार को अस्पताल के बाहर एकत्रित इन युवाओं का कहना था कि पीपीपी मोड के तहत उन्हें अस्पताल में काम मिल रहा था। कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर उन्होंने कई लोगों की जान बचाई। अब अस्पताल को पीपीपी मोड से हटा दिया गया है। ऐसे में कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
कहा कि पीपीपी संचालकों ने कुछ उपकरण और संसाधन अब भी अस्पताल को हैंडओवर नहीं किए गए हैं। उन्होंने अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालन की मांग की, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। साथ ही चेतावनी दी कि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। इस बीच रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. विनोद टम्टा ने बताया कि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। उनके निर्देशों के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अनीस, ममता, शिवानी, तुलसी, मीनाक्षी, मुमताज, उजमा, सपना, सबा, पुष्पा, ज्योति, प्रिया तारा आदि मौजूद रहे।
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