कूटा एवं यूटा ने सेमिनार आयोजन पर शासन के आदेश का किया विरोध
नैनीताल में कुविवि शिक्षक संघ (कूटा) और उत्तराखंड विवि शिक्षक संघ (यूटा) ने सेमिनार आयोजन के लिए नए शासन आदेश पर आपत्ति जताई है। आदेश के अनुसार, सेमिनार के लिए अनुमति लेना अनिवार्य और प्राध्यापक केवल...

नैनीताल, संवाददाता। कुविवि शिक्षक संघ (कूटा) और उत्तराखंड विवि शिक्षक संघ (यूटा) ने राज्य शासन की ओर से सेमिनार आयोजन संबंधी जारी किए नए आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है। उक्त आदेश में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सेमिनार आयोजित करने से पूर्व शासन से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही यह भी निर्देशित किया है कि प्राध्यापक केवल अपने विषय से संबंधित सेमिनार में ही भाग ले सकेंगे, अन्यथा ऐसे सेमिनार का प्रमाण पत्र उनकी प्रोन्नति के लिए मान्य नहीं होगा। कूटा के पदाधिकारियों ने इस आदेश को अकादमिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला बताया है। संघ का कहना है कि सेमिनार विभिन्न फंडिंग एजेंसियों की ओर से स्वीकृत विषयों पर आयोजित किए जाते हैं और ये विषय बहुविषयक अथवा अंतर्विषयक होते हैं।
ऐसे विषयों की प्रकृति एक विशिष्ट विषय तक सीमित नहीं होती। बताया कि यदि सेमिनार का विषय 'पलायन' है, तो यह न केवल मानविकी बल्कि विज्ञान विषयों से भी जुड़ा होता है, क्योंकि पलायन का प्रभाव आर्थिकी, कृषि, पर्यावरण, संस्कृति और सामाजिक संरचना पर पड़ता है। ऐसे में प्राध्यापकों की सहभागिता को केवल उनके विषय तक सीमित करना अनुचित होगा। कूटा एवं यूटा ने मांग की है कि शासन इस आदेश पर पुनर्विचार करे। उनका कहना है कि वर्तमान में विवि बहुविषयकता को बढ़ावा दे रहे हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) भी इस दृष्टिकोण का समर्थन करती है। अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डॉ. विजय कुमार, प्रो. एचसीएस बिष्ट, प्रो. नीलू लोधियाल, प्रो. सुषमा टम्टा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. दीपिका गोस्वामी और डॉ. रितेश साह आदि ने इसके विरोध में ज्ञापन प्रेषित किया है।
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