पांच साल से पेयजल की समस्या झेल रहे हैं नारसन के लोग
करीब पांच साल से नारसन कस्बे के लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पुराने हैंडपंप उखड़ जाने के बाद नए हैंडपंप नहीं लगाए गए हैं। गर्मी के मौसम में पानी की कमी से परेशान लोग...

करीब पांच साल से ज्यादा समय से कस्बे के लोगों को पेयजल की परेशानी से जूझना पड़ रहा है। इलाके में पुराने हैंडपंप उखड़ चुके हैं। उनकी जगह नए हैंडपंप नहीं लगाए गए हैं। जिससे इस बार भी गर्मी के सीजन में लोगों को पेयजल की चिंता सताने लगी है। लोगों का कहना है कि पीने के पानी की समस्या को उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों के सामने रखा, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। नारसन कस्बे में स्थानीय लोगों के साथ दुकानदार भी हैं। इसके अलावा यहां हर रोज सैकड़ों लोग काम के लिए आते हैं। यह 10 से ज्यादा गांव का केंद्र बिंदु है।
इसके बावजूद यहां पानी के इंतजाम नहीं हैं। करीब पांच साल से लोग पेयजल का संकट झेल रहे हैं। दुकानदार दीपक, अजब, नरेश व आजाद सिंह ने बताया कि कस्बे में काफी लंबे समय से पेयजल की दिक्कत है। दुकानदारों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। कस्बे में यह समस्या हाईवे चौड़ीकरण के बाद ज्यादा हुई है। कस्बे में लगे सरकारी और निजी हैंडपंप हाईवे चौड़ीकरण के दायरे में आने पर उखाड़े गए थे। इनके स्थान पर नए हैंडपंप नहीं लगाए गए। इसके कारण पीने के पानी की दिक्कत बढ़ गई। सर्दी का सीजन तो जैसे-तैसे कट जाता है, लेकिन गर्मी के सीजन में पेयजल के लिए काफी परेशान है। कस्बे के पवन कुमार, दीपचंद, काला, सुंदर अदि ने बताया कि कस्बे में झबरेड़ा तिराहे समेत अन्य कई भीड़भाड़ वाले स्थान पर हैंडपंप नहीं होने की वजह से पेयजल की भारी दिक्कत है। कस्बे के दुकानदारों ने बताया कि पीने के पानी की समस्या को कई बार जन प्रतिनिधियों को कहा जा चुका है, लेकिन अभी तक इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।
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