गोपेश्वर में बारिश और ओलावृष्टि ने मचाई तबाही
शुक्रवार रात गोपेश्वर में अचानक तेज बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया। एक घंटे तक चली इस घटना ने घरों, खेतों और बागवानी को नुकसान पहुंचाया। ओलों का आकार सामान्य से बड़ा था, जिससे कई घरों की छतें और...

शुक्रवार रात्रि गोपेश्वर और आसपास के क्षेत्रों में प्रकृति ने अचानक अपना रौद्र रूप दिखाया। रात 12 बजे से 1 बजे तक तेज बारिश और ओलावृष्टि ने पूरे क्षेत्र में कहर बरपाया। एक घंटे तक चली इस हुई बारिश और ओलावृष्टि ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि घरों, खेतों और बागवानी पर भी गहरा असर डाला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस बार ओलों का आकार सामान्य से कहीं अधिक था। कुछ ओलों का वजन 200 से 250 ग्राम तक आंका गया। जिन घरों की छतें टिन की थीं, वहां ओलों की तेज बौछार ने छतों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
कई घरों की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। बारिश और ओलावृष्टि का कहर इतना अधिक था कि गोपेश्वर की गलियों और सड़कों पर नाले उफान पर आ गए। भारी मात्रा में आया मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया, जिससे स्थानीय निवासियों को रात्रि में ही घर से बाहर निकलना पड़ा। नगर पालिका सदस्य संजय कुमार ने बताया कि लोग पूरी रात जागकर बारिश और ओलावृष्टि के थमने का इंतजार करते रहे। इस बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान बागवानी और फल उत्पादन से जुड़े किसानों को हुआ है।क्षेत्र में तैयार हो रहे सेब, माल्टा और संतरे के पेड़ इस ओलावृष्टि की चपेट में आ गए। फलों और फूलों को शुरुआती अवस्था में ही भारी नुकसान हुआ है, जिससे आगामी फसल पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। स्थानीय निवासियों और प्रभावित किसानों ने प्रशासन से जल्द राहत और मुआवजे की मांग की है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि से कई कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों में भविष्य की बारिश को लेकर डर बना हुआ है।
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