उत्तराखंड को 16वें वित्त आयोग से ये हैं 8 उम्मीदें, ग्रीन बोनस-आर्थिक विकास पर रहेगा फोकस
हर साल पर्यावरणीय सेवाओं के बदले राज्य को ग्रीन बोनस मिलना चाहिए। तीसरी उम्मीद में पहाड़ी राज्यों के लिए संशोधित मानदंड का मुद्दा शामिल है।

उत्तराखंड में 16वें वित्त आयोग का दल देहरादून पहुंच गया है, इसका नेतृत्व आयोग अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया कर रहे हैं। उत्तराखंड में आयोग की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को होनी है, जिसमें राज्य के आर्थिक विकास का रोडमैप तय होगा। साथ ही भविष्य का रास्ता भी तैयार होगा। उत्तराखंड को वित्त आयोग से आठ उम्मीदें हैं।
वरिष्ठ पत्रकार रमेश भट्ट के अनुसार, राज्य सरकार को आयोग के समक्ष आठ प्रमुख मांगों को मजबूती से उठाना चाहिए। इसमें पहला है, राजस्व घाटा अनुदान की निरंतरता। भट्ट का कहना है कि राज्य को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए राजस्व घाटा अनुदान की आवश्यकता है। दूसरी उम्मीद ग्रीन बोनस है।
हर साल पर्यावरणीय सेवाओं के बदले राज्य को ग्रीन बोनस मिलना चाहिए। तीसरी उम्मीद में पहाड़ी राज्यों के लिए संशोधित मानदंड का मुद्दा शामिल है। भट्ट कहते हैं कि प्राकृतिक आपदाएं राज्य को सालाना हजारों करोड़ का वित्तीय नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में पहाड़ी राज्यों के लिए अतिरिक्त सहायता के लिए संशोधित मानदंड जरूरी हैं।
चौथी उम्मीद सतत विकास मॉडल के बारे में भट्ट कहते हैं कि पहाड़ी राज्यों में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने और शहरीकरण की चुनौती से निपटने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहयोग आवश्यक है। पहाड़ी जिलों का विकास पांचवीं उम्मीद है। वह कहते हैं कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
फिर भी हमारे 10 पर्वतीय जिले पीछे हैं। इन्हें विकास का हिस्सा बनाने के लिए लक्षित सहायता जरूरी है। छठी उम्मीद के बारे में वह कहते हैं कि उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कर कलेक्शन क्षमता में सुधार हुआ है। ऐसे में हमें प्रोत्साहन और अतिरिक्त सहायता मिलनी चाहिए।
पर्यटन प्रदेश में फ्लोटिंग आबादी के मुद्दे को सातवीं उम्मीद में शामिल करते हुए भट्ट कहते हैं कि चारधाम और कांवड़ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ बड़ी चुनौती है। इनके प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सहायता की दरकार है। आठवीं उम्मीद में सीमावर्ती क्षेत्र के विकास का अहम विषय उठाते हुए भट्ट कहते हैं कि चीन व नेपाल से सटी 625 किमी सीमा की सुरक्षा और विकास के लिए विशेष सहयोग अपेक्षित है।
वरिष्ठ पत्रकार रमेश भट्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से कहा है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उसके लिए बड़े पैमाने पर केंद्र की मदद की दरकार होगी। उम्मीद है कि 16वां वित्त आयोग डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करेगा और अपनी रिपोर्ट में इनको शामिल करेगा।
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