uttarakhand high court stayed razing of homes of slumdwellers in vikas nagar area of dehradun देहरादून के विकास नगर में बुलडोजर ऐक्शन पर रोक, क्या बोला उत्तराखंड हाईकोर्ट?, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़uttarakhand high court stayed razing of homes of slumdwellers in vikas nagar area of dehradun

देहरादून के विकास नगर में बुलडोजर ऐक्शन पर रोक, क्या बोला उत्तराखंड हाईकोर्ट?

उत्तराखंड हाईकोर्ट का कहना है कि ध्वस्तीकरण नोटिस प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं। इसके साथ ही अदालत ने देहरादून के विकास नगर क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन पर रोक लगा दी है।

Krishna Bihari Singh पीटीआई, देहरादूनSun, 13 April 2025 07:08 PM
share Share
Follow Us on
देहरादून के विकास नगर में बुलडोजर ऐक्शन पर रोक, क्या बोला उत्तराखंड हाईकोर्ट?

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के विकास नगर क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि ध्वस्तीकरण नोटिस प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और जस्टिस आशीष नैथानी की खंडपीठ ने शनिवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि निवासियों को सुनवाई का मौका दिए बिना ही ध्वस्तीकरण नोटिस जारी कर दिए गए। ऐसे में यह अदालत अगले आदेश तक ध्वस्तीकरण पर रोक लगाती है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि पीड़ित देहरादून जिले के विकास नगर के विभिन्न गांवों के निवासी हैं। ये लोग देश के वैध नागरिक हैं। इन लोगों को 5 अप्रैल को ध्वस्तीकरण का नोटिस मिला था। इस नोटिस में कहा गया था कि उनकी संपत्तियां ध्वस्त की जानी हैं क्योंकि ये नालियों, मौसमी नदियों और नालों पर बनी हैं। याचिका में दावा किया गया था कि प्रशासन ने संपत्ति का विवरण जाने बिना ही नोटिस जारी कर दिया।

याचिका में यह भी कहा गया है कि नोटिस पाने वाले अधिकांश लोग अशिक्षित और समाज के निचले तबके से आते हैं। इन्हें प्रशासन के ऐक्शन के बारे में उचित जानकारी नहीं है। याचिका में यह भी दावा किया गया कि जिन लोगों को नोटिस दिया गया है, उनके पास अपना स्वामित्व साबित करने के लिए वैध संपत्ति के दस्तावेज हैं।

इन संपत्तियों में से अधिकांश का जल निकायों और नदियों से कोई लेना-देना नहीं है। याचिका में आगे यह भी दलील दी गई है कि क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जिन लोगों को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किए गए हैं, ये लोग मौसमी नदी, नालों और जल निकायों से दूर रहते हैं। याचिका में यह भी बताया गया है कि पीड़ित 15 अप्रैल तक हाईकोर्ट में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, अपने स्वामित्व को साबित करने वाले संपत्ति के दस्तावेज दाखिल करेंगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।