उत्तराखंड की जेलों में बेरोजगार कैदियों की सबसे ज्यादा तादाद, दूसरे नंबर पर नौकरीपेशा
उत्तराखंड की जेलों में निरुद्ध बंदी और कैदियों में 26.94 फीसदी बेरोजगार हैं। इनमें अलावा कई मजदूर और प्राइवेट नौकरी वाले भी शामिल हैं। पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बेरोजगार अपराधों में लिप्त हो रहे हैं।

उत्तराखंड की जेलों में निरुद्ध बंदी और कैदियों में 26.94 फीसदी बेरोजगार हैं। इनमें अलावा कई मजदूर और प्राइवेट नौकरी वाले भी शामिल हैं। पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बेरोजगार अपराधों में लिप्त हो रहे हैं। निरुद्ध बंदी व कैदियों में से 1433 बेरोजगार श्रेणी के पाए गए जबकि 1279 मजदूर, 1046 प्राइवेट नौकरी, 649 खेतीबाड़ी वाले, 608 अपना व्यवसाय करने वाले और 103 सरकारी सेवक भी शामिल हैं। इन सभी श्रेणियों में 200 महिलाएं भी हैं।
राज्य में एक केंद्रीय, दो उप समेत कुल 12 कारागार हैं। इन सभी जेलों में विभिन्न अपराधों में लिप्त बंदी और कैदियों के बैकग्राउंड का जेल प्रशासन ने पड़ताल की। इन जेलों में 31 मार्च, 2025 तक 5318 बंदी और कैदी निरुद्ध थे, जिनमें इनमें से 1199 अशिक्षित जबकि 4199 शिक्षित मिले। इनमें भी 2348 हाईस्कूल, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उत्तीर्ण हैं। इनमें 176 टेक्नीकल डिग्रीधारक हैं।
रिपोर्ट के अनुसार निरुद्ध बंदियों और कैदियों में 63 फीसदी विवाहित हैं। इनमें 60.25 फीसदी पुरुष जबकि 3.12 फीसदी महिलाएं हैं। वहीं अविवाहित पुरुष और महिलाएं 36.63 फीसदी हैं। इनमें भी महिलाओं की आंकड़ा सिर्फ 0.64 फीसदी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।