उत्तराखंड स्टार्टअप के विकास के लिए गुजरात से हाथ मिलाएगा, स्वरोजगार के लिए इन सेक्टरों पर फोकस
स्टार्टअप के क्षेत्र में गुजरात पिछले कई साल से देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार जहां उत्तराखंड में अभी 200 ही स्टार्टअप शुरू हो पाएं हैं। गुजरात में यह संख्या 12 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।

उत्तराखंड के नौजवानों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार स्टार्टअप सेक्टर में गुजरात से हाथ मिलाने जा रही है। स्टार्टअप के विकास और विस्तार में गुजरात के अनुभवों का लाभ उठाने के लिए दोनों राज्य जल्द एमओयू करेंगे। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि एमओयू के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है।
जल्द ही इसे विधिवत रूप से अमल में लाया जाएगा। मालूम हो स्टार्टअप के क्षेत्र में गुजरात पिछले कई साल से देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार जहां उत्तराखंड में अभी 200 ही स्टार्टअप शुरू हो पाएं हैं। गुजरात में यह संख्या 12 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।
पांच साल में 1000 स्टार्ट अप तैयार करने का है लक्ष्य
स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड अपनी स्टार्टअप नीति बनाकर लागू कर चुका है। अब तक 200 के करीब स्टार्ट अप शुरू भी हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार अगले पांच साल में राज्य में हर जिले में एक इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जानी है। इनके जरिए राज्य में 1000 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य रखा है इससे राज्य में औद्योगिक वातावरण सृजित होगा, वहीं रोजगार और स्वरोजगार के भी अनेक अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश के युवा को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना है। उत्तराखंड में युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए स्टार्टअप सेक्टर को प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्टार्टअप सेक्टर में गुजरात को अच्छा अनुभव है। पिछले काफी समय से इस बाबत गुजरात से चर्चा की जा रही है। यह अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जल्द ही गुजरात के साथ एमओयू किया जाएगा। -राजशेखर जोशी, उपाध्यक्ष-सेतु आयोग
टाटा और नेस्काम से भी एमओयू जल्द
जोशी ने बताया कि जल्द ही टाटा समूह और नेस्काम के साथ भी एमओयू किया जाएगा। टाटा और नेस्काम की सहायता से राज्य में उच्च शिक्षा, सामाजिक बदलाव के क्षेत्र में काम किया जाएगा। सेतु आयोग ने राज्य के विकास से जुड़े कुछ प्रमुख सेक्टर चिन्हित किए हैं। उन्हें केंद्र में रखते हुए नई नीतियों का निर्माण और औद्योगिक घरानों के साथ लेने का प्रयास किया जा रहा है।
200 करोड़ रुपये का है वेंचर फंड
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्तमान बजट में 200 करोड रुपये के विशेष वेंचर फंड का प्रावधान किया है। यह पूरी राशि स्टार्टअप को विकसित करने पर खर्च की जानी है। इसके जरिए नए स्टार्ट अप शुरू करने वालों का आर्थिक सहायता तो मिलेगी ही, साथ ही नकनीकि और मार्केटिंग की सहायता भी दी जाएगी।
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