Nirjala ekadashi and Jayeshtha purnima panchang two tithi which is best इस वीक निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा की दो दिन, जानें कब करना उत्तम, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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इस वीक निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा की दो दिन, जानें कब करना उत्तम

इस वीक निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा दो दिन है।एक दिन व्रत की पूर्णिमा और एक दिन स्नान और दान की पूर्णिमा होगी। दोनों ही बहुत खास हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 June 2025 01:50 PM
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इस वीक निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा की दो दिन, जानें कब करना उत्तम

इस वीक निर्जला एकादशी और ज्येष्ठ पूर्णिमा दो दिन है। निर्जला एकादशी 6 और 7 जून दोनों दिन मनाई जा रही है। 6 जून को ग्रहस्थों की और 7 जून को वैष्णव की निर्जला एकादशी है। इसी प्रकार ज्येष्ठ पूर्णिमा भी 10 और 11 जून दो दिन मनाई जा रही है। एक दिन व्रत की पूर्णिमा और एक दिन स्नान और दान की पूर्णिमा होगी। दोनों ही बहुत खास हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत इस साल 10 जून को रखा जाएगा। इसे वट पूर्णिमा भी कहा जाता है। उत्तर भारत में जहां ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है, वहीं पश्चिमी भारत महाराष्ट्र, गुजरात में वट सावित्री पूर्णिमा खास तौर पर मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार 10 जून को सुबह 11 बजे से पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। दरअसल 10 जून को पूर्णिमा चंद्र दर्शन हो सकेंगे, इसलिए 10 जून को ज्येष्ठ पू्र्णिमा तिथि मानी जाएगी। 10 जून को शाम चंद्रोदय का समय 07 बजकर 41 मिनट को होगा। 11 जून को दोपहर एक बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। लेकिन पूर्णिमा का स्नान और दान 11 जून को उदया तिथि में किया जाएगा।इस पवित्र दिन पर किसी भी पवित्र नदी स्नान करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद दान करना बहुत फलदायी रहता है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है।

03 जून (मंगलवार) : ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी रात्रि 09.57 मिनट तक पश्चात नवमी तिथि। भद्रा प्रातः 09.17 मिनट तक। श्री दुर्गाष्टमी। धूमावती जयंती। मेला क्षीर भवानी (काश्मीर)।

04 जून (बुधवार) : ज्येष्ठ शुक्ल नवमी रात्रि 11.55 मिनट तक पश्चात दशमी तिथि।

05 जून (गुरुवार) : ज्येष्ठ शुक्ल दशमी रात्रि 02.17 मिनट तक पश्चात एकादशी तिथि। श्री गंगा दशहरा पर्व।

06 जून (शुक्रवार) : ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी रात्रि 04.49 मिनट तक पश्चात द्वादशी तिथि। भद्रा अपराह्न 03.33 मिनट से रात्रि 04.49 मिनट तक। निर्जला एकादशी व्रत (स्मार्त)।

07 जून (शनिवार) : ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी तिथि (दिन-रात)। निर्जला एकादशी व्रत (वैष्णव)। चंपक द्वादशी।

08 जून (रविवार) : ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी प्रातः 07.18 मिनट तक पश्चात त्रयोदशी तिथि। प्रदोष व्रत। वटसावित्री व्रतारंभ।

09 जून (सोमवार) : ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी प्रातः 09.36 मिनट तक पश्चात चतुर्दशी तिथि।

10 जून मंगलवार: ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी तिथि 11.13 मिनट तक इसके बाद पूर्णिमा तिथि 11 जून1.13 मिनट तक

-पं. ऋभुकांत गोस्वामी

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