Pradosh Vrat date and time in india 10 April 2025 mehtav Puja Vidhi and Muhurat Guru pradosh vrat Pradosh Vrat time: कल है गुरु प्रदोष व्रत, जानें प्रदोष काल का समय, पूजा का मुहूर्त, विधि और महत्व, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Pradosh Vrat time: कल है गुरु प्रदोष व्रत, जानें प्रदोष काल का समय, पूजा का मुहूर्त, विधि और महत्व

Pradosh Vrat date and time in india: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ज्यादा पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत महीने में दो बार रखा जाता है। इसमें एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानWed, 9 April 2025 01:34 PM
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Pradosh Vrat time: कल है गुरु प्रदोष व्रत, जानें प्रदोष काल का समय, पूजा का मुहूर्त, विधि और महत्व

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ज्यादा पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत महीने में दो बार रखा जाता है। इसमें एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इसे रखने से मां पार्वती और शिव जी सभी कष्टों को दूर करते हैं। इस महीने का प्रदोषव्रत गुरु प्रदोष है, जो 10 अप्रैल को रखा जाएगा। इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा का खास महत्व है। इस बार गुरु प्रदोष व्रत है।

किस प्रकार करें पूजा

इस दिन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प करें। जैसा इस व्रत का नाम है प्रदोष व्रत, इसलिए इस व्त की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोश काल का मतलब है कि सूर्यास्त के पहले और बाद के 48 मिनट पहले का समय कहलाता है। इस व्रत में पूजा के समय मौन रहें और भगवान शिव जी और देवी पार्वती की प्रतिमा को विराजमान करें। शाम को उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें भांग, धतूरा, सफेद फूल, शृंगार का सामान और ऋतु फल व मिठाई अर्पित करें। गौरी चालीसा का पाठ करें।

गुरु प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत तिथि का आरंभ: 9 अप्रैल 2025 की रात 10:54 मिनट से

गुरु प्रदोष व्रत तिथि का समापन: 11 अप्रैल की रात 1:00 बजे तक रहेगी

आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के लिए त्रयोदशी का प्रदोष समय होता है, जो जो 10 अप्रैल को मिल रहा है। प्रदोष काल 6.30 मिनट से 8. 38 मिनट रात तक है।

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प्रदोष व्रत का महत्व
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत रखने और मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से बहुत लाभ होता है। पुराणों के अनुसार, प्रदोष व्रत से जीवन में कई कष्टों का अंत होता है। खासकर किसी बीमारी से आरोग्यता पाने के लिए यह व्रत बहुत खास है। ऐसा भी कहा जाता है कि गुरु प्रदोष व्रत के करने से 100 गायें दान करने का फल प्राप्त होता है और शत्रुओं से मुक्ति भी मिलती है। इस व्रत को रखने से शनि के दोषों का भी अंत होता है। इसलिए शनि साढ़ेसाती वालों को भी यह व्रत शुभ फल देता है।