Shani Jayanti Upay : शनि जयंती पर साढ़ेसाती और ढैय्या वाले करें ये खास उपाय
Shani Jayanti : हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस पावन दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Shani Jayanti : हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस पावन दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनिदेव न्याय के देवता हैं और सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं। इस साल 27 जून को शनि जयंती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव कर्म फल दाता हैं। शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि जयंती के दिन शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए शनि देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समय मीन, कुंभ, मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती और सिंह, धनु राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि जयंती के दिन कुछ खास उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं, शनि जयंती के खास उपाय…
शनि चालीसा का पाठ करें : जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए शनि जयंती के दिन पूजा के दौरान शनि चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
शनि जयंती पर करें दान : शनि जयंती के दिन जूते, चप्पल, उड़द की दाल, छाता और काले रंग की वस्तुओं को दान करना शुभ माना गया है।
शनिदेव के बीज मंत्रों का जाप करें : इस विशेष दिन शनि देव के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।' मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा करें : शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ को जल जरूर अर्पित करें। साथ ही सायंकाल में पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।